मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की झीलों में कुछ ऐसे बड़े विषाणुओं के बारे में पता चला है जो पानी में मौजूद अमीबा पर हमलावर हो जाते हैं। रिपोरट्स के मुताबिक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में मुंबई के जलाशयों से एकत्र किए गए नमूनों में 5 प्रजातियों के ‘विशाल विषाणुओं’ की मौजूदगी का पता चला है। IIT के रिसर्चर्स द्वारा किए गए इस अध्ययन में बाया गया है कि ये विशालकाय विषाणु अमीबा (जीवाणु) पर हमला करते हैं।
IIT (बॉम्बे) की ओर से बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में दावा किया गया कि यह भारत से असंख्य विशाल विषाणुओं के संबंध में पहली रिपोर्ट है। इस अध्ययन के परिणाम ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। यह अध्ययन प्रोफेसर किरण कोंदाबगिल की अगुवाई वाली एक टीम ने किया है। अमूमन, विषाणुओं के जीनोम (जीनों का समूह) का आकार कुछ हजार से 2,00,000 बेस पेयर तक होता है। हालांकि, विशाल विषाणुओं के जीनोम का आकार कुछ लाख बेस पेयर जितना विशालकाय हो सकता है।
इस अध्ययन में कहा गया है, ‘इसमें पेंडोराविरिडी, फाइकोडनाविरिडी, मिमिविरिडी, इरिडोविरिडी और मेगाविरिडी प्रजाति के विषाणु पाए गए। इन नमूनों में, विशाल विषाणुओं के 5 परिवारों के विशाल विषाणु पाए गए, ये सभी अमीबा को संक्रमित करते हैं।’ शोधकर्ताओं के इस अध्ययन में आगे कहा गया, ‘दिलचस्प बात यह है कि, मुंबई में मिले विशाल विषाणुओं के कुछ जीन अन्य द्वीपों पर खोजे गए विशालकाय विषाणुओं से मिलते-जुलते हैं। ये दिखाता है कि ऐसे जीन इन विषाणुओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।’
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