महंत नरेंद्र गिरि मौत मामला: जांच के लिए एसआईटी गठित, फोन में suicide से पहले का वीडियो मिला
एसएसपी मीडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, थाना जार्ज टाउन में भादंसं की धारा 306 के तहत पंजीकृत मुकदमे में मामले की तह तक जाने एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी प्रयागराज ने तत्काल प्रभाव से एसआईटी का गठन किया है।
लखनऊ/प्रयागराज (उप्र): अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु की जांच के लिए जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मंगलवार को एक 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी की अध्यक्षता अंचल अधिकारी (सर्कल ऑफिसर) अजीत सिंह चौहान करेंगे। इसमें चार इंस्पेक्टर, तीन सब इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। एसआईटी महंत की रहस्यमय मौत की विभिन्न कोणों से जांच करेगी।
एसएसपी मीडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, थाना जार्ज टाउन में भादंसं की धारा 306 के तहत पंजीकृत मुकदमे में मामले की तह तक जाने एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी प्रयागराज ने तत्काल प्रभाव से एसआईटी का गठन किया है। इस जांच टीम में क्षेत्राधिकारी (नगर चतुर्थ) अजीत सिंह चौहान, क्षेत्राधिकारी (नगर पंचम) आस्था जायसवाल, प्रभारी निरीक्षक, थाना जार्ज टाउन महेश सिंह सहित 18 अधिकारी नामित किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या के संबंध में सोमवार की देर रात जार्जटाउन थाना में अमर गिरि पवन महाराज द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसमें महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। बता दें कि, इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को आश्वासन दिया कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
महंत नरेंद्र गिरी के फोन में suicide से पहले का वीडियो मिला, बलबीर गिरि होंगे महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि के फोन में suicide से पहले का वीडियो मिला है। करीब 1 मिनट का वीडियो है, उसमें उन्होंने suicide नोट में कही बातों को endorse किया है। आत्महत्या की बात भी कही है और तीनों आरोपियों को ही जिम्मेदार ठहराया है। बलबीर गिरि महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी होंगे, वो तकरीबन 15 साल पुराने शिष्य हैं। नरेंद्र गिरि ने बलबीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया हुआ था। महंत ने अपनी वसीयत में बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी घोषित किया है।
बुधवार सुबह 8 बजे होगा महंत नरेंद्र गिरी का पोस्टमॉर्टम, अबतक 3 गिरफ्तार
बता दें कि, पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में उनके शिष्य योगगुरु आनंद गिरि, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है। वहीं बुधवार सुबह 8 बजे दिवंगत महंत नरेंद्र गिरी का पोस्टमॉर्टम होगा जबकि 12 बजे भू-समाधि कार्यक्रम किया जाएगा। महंत नरेंद्र गिरी का भू-समाधि कार्यक्रम श्री बाघम्बरी मठ में किया जाएगा। महंत जी के पार्थिव शरीर को बुधवार को 3 नदियों के जेल से स्नान कराया जाएगा। दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को पंचामृत से स्नान कराने के बाद भू समाधि दी जाएगी।
महंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में 3 लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि ने अपने कथित सुसाइड नोट में अपने शिष्य आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को अपने मठ के एक कमरे में मृत पाये गए थे। पुलिस के मुताबिक, गिरि ने कथित तौर पर पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महंत के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को किया जाएगा।
सोशल मीडिया में जारी इस कथित सुसाइड नोट में महंत ने लिखा है, “मैं बहुत दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की होगी।” कथित सुसाइड नोट में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से इन तीन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है जिससे उनकी (महंत की) आत्मा को शांति मिल सके। महंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि 13 सितंबर, 2021 को ही उन्होंने आत्महत्या करने का मन बनाया था, लेकिन वह हिम्मत नहीं कर पाये थे।
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा, “आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन में आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर उसे वायरल कर देगा, तो मैंने सोचा कहां-कहां सफाई दूंगा। एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा। मैं जिस पद पर हूं वह गरिमामयी पद है।” कथित सुसाइड नोट में महंत ने लिखा है, “सच्चाई तो बाद में पता चलेगी, लेकिन मैं बदनाम हो जाऊंगा। इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। आनंद गिरि का कहना है कि महाराज यानी मैं, कहां तक सफाई देते रहोगे। मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, अगर मेरी बदनामी हो गई तो इस समाज में मैं कैसे रहूंगा। इससे अच्छा मर जाना ठीक है।”
इस कथित सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है, “ (मैं) 25 लाख रुपये आदित्य मिश्रा से और 25 लाख रुपये शैलेंद्र सिंह से रीयल एस्टेट के संबंध में मांगता हूं। जब से आनंद गिरि ने मेरे ऊपर असत्य, मिथ्या और मनगढ़ंत आरोप लगाया, तब से मैं मानसिक दबाव में जी रहा हूं। एकांत में रहता हूं तो मर जाने की इच्छा होती है।” कथित सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है, “प्रिय बलवीर गिरि, मठ मंदिर की व्यवस्था जिस प्रकार मैंने की है, उसी प्रकार करना और आशुतोष गिरि एवं अन्य महात्मा बलवीर का उसी प्रकार सहयोग करना। परम पूज्य महंत हरि गोविंद पुरी से निवेदन है कि मढ़ी का महंत बलवीर गिरि को बनाना। महंत रवींद्र पुरी जी आपने हमेशा साथ दिया, मेरे मरने के बाद बलवीर गिरि का ध्यान रखियेगा।”
इसमें महंत नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर लिखा है, “बलवीर गिरि मेरी समाधि पार्क में नींबू के पेड़ के पास दी जाए। यही मेरी अंतिम इच्छा है। धनंजय विद्यार्थी मेरे कमरे की चाबी बलवीर गिरि महाराज को दे देना।” इसमें वसीयतनामा का जिक्र करते हुए महंत नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर लिखा है, “प्रिय बलवीर गिरि, मैंने तुम्हारे नाम एक रजिस्ट्री वसीयत की है जिसमें मेरे ब्रह्मलीन (मरने के बाद) हो जाने के बाद तुम बड़े हनुमान मंदिर एवं मठ बाघंबरी गद्दी के महंत बनोगे।”