नयी दिल्ली: केंद्र और राज्य सरकारों के बीच कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सबसे पहले महाराष्ट्र की तरफ से बयान दिया गया कि तीन दिन के भीतर राज्य में वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो जाएगा जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि महाराष्ट्र में वैक्सीन के डोज बर्बाद किए जा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में राज्य सरकार की योजना के अभाव के चलते कोरोना वैक्सीन की पांच लाख खुराकें बर्बाद हो गईं।
महाराष्ट्र से संबंध रखने वाले जावड़ेकर ने बीजेपी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र सरकार के पास टीकों की 23 लाख खुराकें उपलब्ध हैं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा था कि राज्य में टीकों की कमी के चलते कई टीकाकरण केन्द्र बंद किये जा रहे हैं और राज्य में फिलहाल 14 लाख खुराकें हैं, जो केवल तीन दिन तक चल सकती हैं।
जावड़ेकर ने कहा, ''मैं स्पष्ट कर दूं कि महाराष्ट्र सरकार के पास टीकों की 23 लाख खुराकें उपलब्ध हैं जोकि पांच से छह दिन का स्टॉक है। इन्हें गांवों और जिलों में वितरित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।'' उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार योजना के अभाव के चलते कोरोना वैक्सीन की पांच लाख खुराकें बर्बाद कर चुकी है। यह मामूली संख्या नहीं है। टीकाकरण अभियान के लिये योजना बनाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र को पहले जितनी खुराकें आवंटित की थीं, उससे कहीं अधिक खुराकें बाद में उपलब्ध कराई हैं। इससे पहले बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कुछ राज्य सरकारों द्वारा सबको वैक्सीन देने की मांग को गैर-जिम्मेदाराना बताया था। साथ ही उन्होंने कोरोना के खिलाफ सटीक कदम न उठाने के लिए कुछ राज्य सरकारों की खिंचाई भी की।
उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक यह है कि कुछ राज्य सरकारें कोरोना वैक्सीनेशन की उम्र 18 वर्ष निर्धारित करना चाहती हैं। केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन की मांग और आपूर्ति को लेकर राज्य सरकारों को लगातार पारदर्शी तरीके से जानकारी दी जाती रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार की कोरोना के खिलाफ उठाए कदमों की आलोचना की है।
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