VIDEO: मध्य प्रदेश में यूरिया की किल्लत से मचा हाहाकार, आपस में भिड़े किसान
मध्यप्रदेश में यूरिया की किल्लत ने प्रदेश भर में हाहाकार मचा रखा है। किसानों को घंटों इंतजार करने के बाद 2 बोरियां खाद ही मिल रही हैं।
भोपाल: मध्यप्रदेश में यूरिया की किल्लत ने प्रदेश भर में हाहाकार मचा रखा है। किसानों को घंटों इंतजार करने के बाद 2 बोरियां खाद ही मिल रही हैं। कृषि विभाग भले ही पर्याप्त यूरिया के दावे कर रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश के किसान तेज ठंड के बीच लगातार 12 से 18 घंटे लाइनों में लगकर मशक्कत करते नजर आ रहे हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि जहां यूरिया ना मिलने से परेशान किसान यूरिया से भरे ट्रक लूट रहे हैं वही, लाइन के दौरान किसानों के बीच विवाद भी देखा जा रहा है जिसके चलते आपस में मारपीट हो रही है।
सोमवार को जहां विदिशा जिले के शमशाबाद में किसान ट्रक में आए यूरिया को लूट कर ले गए, सागर में भारी प्रदर्शन हुआ, गंजबासौदा में पुलिस की मौजूदगी में यूरिया बांटा जा रहा है वही अशोक नगर में सुबह 3:00 बजे से लाइन में लगे किसानों को जब यूरिया की पर्ची नहीं मिली तो सैकड़ों किसानों ने चक्का जाम कर दिया और आधे घंटे तक सड़क पर बैठे रहें। वही, लाइन में लगने को लेकर जमकर किसानों के बीच लात घुसे भी चले। हालात बिगड़ने पर मंगलवार को जब लाइन लगी तो आधा किलोमीटर तक पहुंच गई। सरकार दावा कर रही है कि आपूर्ति में कहीं कमी नहीं आ रही है जबकि ज्यादातर जिलों में मांग के बता देखे भी नहीं पहुंची है सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टरों से प्रतिवेदन का प्लान बना रही है लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।
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दरअसल मध्यप्रदेश में रबी की फसल के लिए सर्वाधिक मांग यूरिया की रहती है जिसका छिड़काव नवंबर से शुरू होकर जनवरी तक गेहूं की फसल, चना और सब्जियों में किया जाता है। यही वजह है कि किसान जिन्होंने गेहूं चना सरसों मटर बो दिया है वह किसान लंबी-लंबी लाइनों में सोसायटियों के सामने यूरिया के इंतजार में नजर आने लगे हैं। इसी यूरिया की कमी के चलते जहां हालात बिगड़ने लगे हैं वहीं हफ्ते भर में ही रायसेन सीहोर विदिशा राजगढ़ भिंड और सागर समय दर्जनभर से ज्यादा जिलों में यूरिया को लेकर झड़पे सामने आ रही हैं।
ऐसे में जबकि कांग्रेस के लिए सत्ता में आने का मास्टरस्ट्रोक कर्ज माफी रही थी किसानों कर्ज माफी को तरस रहे हैं। बरसात हुई तो फसलें तबाह हुई उम्मीद थी कि सरकार बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा देगी वह भी अब तक नहीं मिला ऐसे में अब यूरिया की कमी से जूझते किसान परेशान हैं। किसान बता रहे हैं कि सरकारी यूरिया अब तक नहीं मिल रहा है लेकिन ब्लैक में यूरिया चारों तरफ मौजूद है।
केंद्र ने रबी की फसल की 18 लाख मीट्रिक टन की मांग को घटाकर 15 लाख 40 हजार मीट्रिक टन तय किया। 15.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिलना था केंद्र से 11 लाख मीट्रिक टन ही मिल पाया है। वही यूरिया संकट पर प्रदेश में मचे हाहाकार के बीच सरकार और विपक्ष के बीच सोशल मीडिया पर हमले शुरू हो गए हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ट्वीट कर यूरिया की कमी का कारण केंद्र कि मोदी सरकार को बताया तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया। सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि आपकी सरकार प्रदेश में यूरिया की व्यवस्था करने में फेल हुई है, अपनी असफलता का ठीकरा कहीं और न फोड़ें।