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Hindi News भारत राष्ट्रीय मध्य प्रदेश सरकार ने बहन-बेटियों को ही शराब की दुकानों पर बिठा दिया: कमलनाथ

मध्य प्रदेश सरकार ने बहन-बेटियों को ही शराब की दुकानों पर बिठा दिया: कमलनाथ

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत राज्य सरकार ने शराब की दुकानों पर बहन-बेटियों की ड्यूटी लगा दी है।

Madhya Pradesh- India TV Hindi Image Source : TWITTER Madhya Pradesh

भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत राज्य सरकार ने शराब की दुकानों पर बहन-बेटियों की ड्यूटी लगा दी है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, ''शिवराज जी, आप जब विपक्ष में थे तो प्रदेश में शराब को लेकर खूब विरोध करते थे और खूब भाषण देते थे।''

उन्होंने चौहान पर तंज कसते हुए आगे लिखा, ''शराब को बहन-बेटियों के लिए खतरा बताते हुए उनको साथ लेकर धरने पर बैठते थे। अब तो आपने बहन-बेटियों को ही शराब की दुकानों पर बिठा दिया।'' कमलनाथ ने कहा, ''इससे शर्मनाक व दोहरा चरित्र कुछ नहीं हो सकता है।''

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण 24 मार्च की मध्य रात्रि से लागू लॉकडाउन की वजह से हुए भारी नुकसान के बाद शराब ठेकेदारों द्वारा अपनी करीब 70 प्रतिशत दुकानों को सरेंडर करने के बाद मध्यप्रदेश सरकार इन दुकानों का संचालन खुद कर रही है। मध्यप्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं सहित कई लोगों ने महिलाओं द्वारा शराब की दुकानों में बैठकर मध्य प्रदेश में शराब बेचे जाने की फोटो शेयर भी की हैं और इसके लिए सरकार की कड़ी निंदा की है।

वहीं, भोपाल के हुजूर सीट के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कमलनाथ के आरोपों को नकारते हुए कहा, ''कहीं पर भी महिलाओं को शराब बेचने में सरकार ने नहीं लगाया है। उनकी ड्यूटी इन दुकानों में व्यवस्था बनाने में लगी है।'' इसी बीच, मध्य प्रदेश आबकारी विभाग के आयुक्त राजीव दुबे ने ग्वालियर में बताया, ''आबकारी विभाग के कई अधिकारी महिलाएं हैं। कई जिलों में जिला आबकारी अधिकारी महिलाएं हैं। इसलिए महिलाओं की ड्यूटी लगाना कोई मुद्दा नहीं है। उनकी ड्यूटी इन दुकानों में व्यवस्था बनाने की है।''

उन्होंने कहा, ''इसके अलावा, कई जिलों की कलेक्टर भी महिलाएं हैं और वे आबकारी नीतियों के क्रियान्वयन की निगरानी भी करती हैं। इसलिए इस पर सवाल उठाना गलत है।'' दुबे ने कहा, ‘‘ मध्यप्रदेश में शराब की करीब 1,800 दुकानों को शराब ठेकेदारों ने बंद कर दिया था। इन्हें अब सरकार चला रही है। जब तक इन दुकानों की फिर से निविदा नहीं हो जाती, तब तक इन शराब दुकानों को सरकार चलाएगी।’’

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