कोरोना मरीजों की समस्या का वैज्ञानिकों ने निकाला हल, अस्पताल में ही आधे रेट पर ऑक्सीजन बनाएगी यह मशीन
हमारे वायुमंडल में जो गैसें हैं उनमें 77 प्रतिशत से ज्यादा नाइट्रोजन और लगभग 21 प्रतिशत ऑक्सीजन है।
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से अस्पतालों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और उसके साथ कई अस्पतालों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन तैयार की है जो अस्पताल में ही ऑक्सीजन बना लेगी और वह भी मौजूदा लागत से लगभग आधे दाम पर। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद यानि (CSIR)के वैज्ञानिकों ने अब ऑक्सीजन की कमी को दूर करने का हल ढूंढ लिया है।
दअरसल CSIR ने एक ऐसी मशीन तैयार की है जिसमें वातावरण में मौजूद हवा का इस्तेमाल कर मेडिकल ऑक्सीजन बनाई जा सकती है। हमारे वायुमंडल में जो गैसें हैं उनमें 77 प्रतिशत से ज्यादा नाइट्रोजन और लगभग 21 प्रतिशत ऑक्सीजन है। CSIR वैज्ञानिकों ने जो मशीन तैयार की है वह वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन से ही अस्पतालों की जरूरत में इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन बना सकती है।
अगर किसी मरीज को ऑक्सीजन देना है तो उस में ऑक्सीजन की शुद्धता की मात्रा 90 से 96 प्रतिशत होनी जरूरी है। CSIR के वैज्ञानिक ने Pressure Vaccume Swing Adsorption तकनीक का इस्तेमाल कर मेडिकल ऑक्सीजन बनने वाली मेडिकल ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेशन सिस्टम नाम की एक मशीन तैयार की है जो अस्पताल के भीतर ही ऑक्सीजन बना सकती है। CSIR के प्रबंध निदेशक डॉ शेखर मंडे ने इंडिया टीवी को बताया कि इस मशीन से दूरदराज के इलाकों में ऑक्सीजन को समस्या का समाधन हो जाएगा।
अस्पतालों में या तो मेडिकल ऑक्सीजन देने के लिए सिलेंडर का इस्तेमाल होता है या फिर बड़े अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाते हैं लेकिन कोरोना के दौरान अगर कहीं लॉकडाउन लगा है तो इन प्लांट तक ऑक्सीजन पहुंचने वाले वाहनों की मूवमेंट में दिक्कत हो सकती है जिसकी वजह से आपूर्ति में दिक्कत आती है। जिसके चलते इन लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट तक लिक्विड ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, CSIR के वैज्ञानिकों ने जो मशीन बनाई है उसके जरिए अस्पताल में ही ऑक्सीजन बनाकर मरीज को दी जा सकती है।
मशीन का संचालन बिजली से होता है और इसे किसी भी अस्पताल में लगाया जा सकता है इसके द्वारा बनाई जाने वाली ऑक्सीजन बाजार में उपलब्ध ऑक्सीजन से सस्ती है। इस मशीन से बनने वाली ऑक्सीजन की कीमत जहां 13 रुपए प्रति लीटर है तो वहीं मार्केट में मौजूद ऑक्सीजन की कीमत 25 प्रति लीटर है। CSIR के निदेशक अंजन रे ने इंडिया टीवी को बताया कि मशीन का पायलट प्रोजेक्ट फिलहाल देहरादून में चल रहा है और जल्द ही यह मशीन कमर्शियल प्रोडक्ट के तौर पर मार्केट में उपलब्ध होगी।