लुधियाना प्लास्टिक फैक्ट्री हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हुई
लुधियाना में एक प्लास्टिक कारखाने की इमारत ध्वस्त होने की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गई और कुछ लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
लुधियाना: लुधियाना में एक प्लास्टिक कारखाने की इमारत ध्वस्त होने की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गई और कुछ लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। पंजाब सरकार के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हालांकि लुधियाना के अग्निशमन अधिकारी, डी.एस. संधू ने मीडिया को बताया कि फैक्ट्री इमारत के मलबे से 15 लोगों शव बरामद किए गए हैं, और दो लोगों को जिंदा निकाला गया है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चीमा चौक के पास एक औद्योगिक क्षेत्र के संकरे इलाके में स्थित पांच मंजिला इमारत भीषण आग लगने के बाद एक शक्तिशाली विस्फोट के साथ सोमवार अपराह्न् ढह गई थी।
अधिकारी ने कहा कि ध्वस्त इमारत में दमकल कर्मियों और नगर निगम कर्मचारियों समेत 20-25 लोगों के फंसे होने की आशंका है। इस दुखद घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को पटियाला के डिविजनल आयुक्त द्वारा विस्तृत जांच का आदेश दिया और मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा की।
अमरिंदर ने मंगलवार को दुर्घटना स्थल का जायजा लेने के बाद मीडिया को बताया, "घटना की जांच में सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा और कारखाने के मालिक द्वारा रसायनों के भंडारण में उल्लंघन का पता लगाया जाएगा और कानून के खिलाफ जाने का मामला दर्ज किया जाएगा। साथ ही निर्माण कानून में किसी प्रकार के उल्लंघन का भी पता लगाया जाएगा।" सोमवार शाम तीन शवों को बरामद किया गया, जबकि रात में अधिक शवों को मलबे से बाहर निकाला गया।
घायल हुए दो लोगों की पहचान रोहित कुमार और सुनील कुमार के रूप में हुई है। जिनका इलाज लुधियाना के सीएमसी अस्पताल में चल रहा है। बचाव अभियान मंगलवार को भी जारी रहा। राष्ट्रीय आपदा राहत दल (NDRF), सेना, पंजाब पुलिस, अग्निशमन विभाग और एक स्थानीय गैर सरकारी संगठन की टीमें फंसे लोगों को बचाने में लगी हैं। मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लिया और जिला प्रशासन को बचाव और राहत प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
पीड़ितों के परिवारों को दिलासा देते हुए उन्होंने कहा कि मलबे के नीचे फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी और कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ा जाएगा। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, "इस त्रासदी में मारे गए चार फायरमैन और एक सेनेटरी इंस्पेक्टर के परिवार को 10-10 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी। जिसमें राज्य सरकार और नगर निगम 50-50 फीसदी का योगदान करेंगे। साथ ही बतौर मुआवजा परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी।"
प्रवक्ता ने कहा कि इस घटना में अपनी जान गंवाने वाले पांच नागरिकों को दो-दो लाख रुपये की राशि दी जाएगी। कारखाने के मालिक इंदरजीत सिंह गोला पर लापरवाही के लिए मामला दर्ज किया गया है। वह फिलहाल फरार बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि जिस भी अधिकारी को दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।