नयी दिल्ली: दिल्ली के ले. गवर्नर अनिल बैजल ने आज कहा कि ‘‘सेवाओं’’ को दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र के बाहर बताने संबंधित गृह मंत्रालय की 2015 की एक अधिसूचना अभी तक वैध है। बैजल का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कुछ समय पहले कहा था कि ले. गवर्नर ने सेवा विभाग का नियन्त्रण राज्य सरकार को सौंपने से मना कर दिया है।
केजरीवाल को लिखे एक पत्र में बैजल ने गृह मंत्रालय की 2015 की एक अधिसूचना के बारे में ध्यान दिलाया जिसमें संविधान के अनुच्छेद 239 और 239 एए के तहत ‘‘राष्ट्रपति निर्देश’’ जारी होते हैं। इसमें कहा गया कि ‘सेवाएं’ दिल्ली विधानसभा के अधिकारक्षेत्र के बाहर हैं परिणामस्वरूप दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार के पास ‘ सेवाओं ’ को लेकर कोई कार्यपालिका अधिकार नहीं हैं।
पत्र में कहा गया, ‘‘इस अधिसूचना को दिल्ली हाईकोर्ट ने चार अगस्त 2016 के अपने एक आदेश में भी सही ठहराया था।’’ ले. गवर्नर ने कहा,‘‘ माननीय सुप्रीम कोर्ट के पीछे के निर्णय के चलते गृह मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि निर्णय के अंतिम पैरा के अनुसार ‘सेवा’ सहित नौ अपील पर नियमित पीठ सुनवाई करेगी तथा गृह मंत्रालय की 21 मई 215 की अधिसूचना वैध बनी रहेगी।’’
केजरीवाल ने दावा किया कि यह देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया है। बैजल के साथ 25 मिनट तक हुई बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि ले. गवर्नर के मना करने के बाद देश में अराजकता फैल जाएगी।
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