पुरी। ओडिशा में कोविड-19 मामलों में वृद्धि को देखते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने 12वीं शताब्दी के इस मंदिर में भक्तों का प्रवेश 15 मई तक रोकने का शनिवार को फैसला किया। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि हालांकि, इस दौरान भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा, और भगवान जगन्नाथ के दैनिक अनुष्ठान सेवादारों और मंदिर प्राधिकारियों की मदद से जारी रहेंगे।
वार्षिक रथयात्रा इस वर्ष 12 जुलाई को होगी
इस बैठक में मंदिर के सेवादारों के प्रतिनिधियों ने अलावा, पुरी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक और अन्य हितधारकों ने हिस्सा लिया। यह भी तय किया गया कि रथों के निर्माण के लिए सभी तैयारियां परंपराओं के अनुसार जारी रहेंगी। एसजेटीए चंदन यात्रा, स्नान यात्रा और रथयात्रा के दौरान उपयोग के लिए मास्क और सेनिटाइज़र की खरीद के लिए कदम उठाएगा। वार्षिक रथयात्रा इस वर्ष 12 जुलाई को होगी।
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रथयात्रा से संबंधित अनुष्ठान अक्षय तृतीया से शुरू होंगे
कुमार ने कहा, ‘‘कोविड-19 के चलते उत्पन्न गंभीर चुनौती पर विस्तार से चर्चा की गई। सभी इस बात पर एकमत थे कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ की निति-कांति (अनुष्ठान) की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।’’ सेवादारों और मंदिर के प्राधिकारियों के परिवारों की नियमित स्क्रीनिंग और जांच करने का भी निर्णय लिया गया। रथयात्रा से संबंधित अनुष्ठान अक्षय तृतीया (15 मई) से शुरू होंगे।
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6 मई को फिर की जाएगी स्थिति की समीक्षा
उन्होंने कहा कि जरूरत के अनुसार नीलांचल यात्री निवास में एक कोविड-19 देखभाल केंद्र को मजबूत किया जाएगा। मंदिर में दैनिक अनुष्ठानों में शामिल होने वाले व्यक्तियों और रथयात्रा के लिए रथ के निर्माण में लगे लोगों के के टीकाकरण ध्यान दिया जाएगा। बैठक में यह भी संकल्प लिया गया कि फेस मास्क, सेनिटेशन और हाथ धोने के उपयोग और सामाजिक दूरी बनाये रखने पर जागरूकता कार्यक्रम जारी रहेगा। एसजेटीए ने कहा कि वह छह मई को स्थिति की समीक्षा करेगा।
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