ट्रेनी IAS अधिकारियों से पीएम ने कहा, 'जनता से जुड़ने की क्षमता विकसित करें'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों से जनता की बेहतर सेवा के लिए उन्हें किताबों से निकलकर बाहर देखने और जनता से जुड़ने की क्षमता विकसित करने को कहा।
मसूरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों से जनता की बेहतर सेवा के लिए उन्हें किताबों से निकलकर बाहर देखने और जनता से जुड़ने की क्षमता विकसित करने को कहा। अकादमी में 92 वें फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रशिक्षण के बाद अपनी जिंदगी के लिए तैयार होने के लिये टिप्स देते हुए मोदी ने कहा कि किताबों से सीखना अच्छी बात है लेकिन उन्हें अपने आसपास के उन लोगों के प्रति सजग और सचेत रहना चाहिए जिनकी उन्हें सेवा करनी है।
उन्होंने कहा कि किताबों की सीख उन्हें निश्चित रूप से भटकने और गलत पथ पर जाने से बचायेगी लेकिन अपनी टीम और लोगों से जुड़ाव और तालमेल स्थापित करने से ही उन्हें अधिकारी के रूप में सफल होने में मदद मिलेगी। नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए जन भागीदारी के महत्व पर जोर डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से पहले सिविल सर्विसेज का काम ब्रिटिश राज के संरक्षण का था लेकिन अब इनका उद्देश्य जनता की समृद्धि और कल्याण है।
उन्होंने कहा कि अगर लोक सेवक सिविल सर्वेंट इन उद्देश्यों को आत्मसात कर ले तो सरकारी मशीनरी और जनता के बीच का अंतर समाप्त किया जा सकता है। मोदी ने कहा कि सिविल सर्वेंटस में टीम भावना की कमी से मसूरी में शुरूआती प्रशिक्षण के दौरान प्रभावी तरीके से निपटा जा सकता है। फाउंडेशन कोर्स के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से टीम भावना और नेतृत्व जैसी सीखों को आत्मसात करने तथा उन्हें अपने पूरे कैरियर के दौरान व्यवहार में शामिल करने को कहा।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सामाजिक आंदोलन बदलाव ला सकते हैं और सिविल सर्विसेज को इसके लिये एक उत्प्रेरक का काम करना चाहिए। कल शाम प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किये गये सांस्कृतिक कार्यक्रम में गाये गये भक्ति गीत वैष्णव जन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को वैष्णव जन को सिविल सर्वेंट शब्द से बदलने के बाद इस गीत पर विचार करना चाहिए। गुमनामी को सिविल सर्वेंट की सबसे बडी ताकत बताते हुए मोदी ने सिविल सर्विसेज की तुलना अशोक स्तंभ के चौथे शेर से की जो हमेशा अदृश्य रहता है फिर भी अपनी उपस्थिति हर समय महसूस कराता रहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यात्रा एक महान भारतीय परंपरा है और यात्रा करना और लोगों से बातचीत करना सीखने का एक बडा अनुभव है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से अपनी पोस्टिंग के दौरान क्षेत्रों का दौरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु अधिकारियों को सफलतापूर्वक प्रशासनिक अकादमी तक पहुंचाने वाली कैरियर की भावना अब सेवा की भावनाभारत की जनता की सेवा करने की भावना में बदल जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अकादमी के लान में प्रशिक्षु अधिकारियों और स्कूली बच्चों के साथ योग किया। मोदी ने छात्रावास की नयी इमारत और 200 मीटर लंबे बहुआयामी सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक का भी शिलान्यास किया। उन्होंने बच्चों से बातचीत करने के अलावा अकादमी का जिम्नाजियम और अन्य सुविधाओं को भी देखा।