पाकिस्तान से आए टिड्डों ने बढ़ाई केंद्र और राज्य सरकार की परेशानी, फसल को पहुंचा रहे बड़ा नुकसान
पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों से आये टिड्डियों के झुंडों ने बनासकांठा, मेहसाणा, कच्छ, पाटन और साबरकांठा जिलों में, सरसों, अरंडी, सौंफ, जीरा, कपास, आलू, गेहूं और जतरोफा जैसी फसलों पर हमला किया।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के जरिए गुजरात और राजस्थान के अधिकतर इलाकों में टिड्डों के झुंड के आक्रमण ने किसानों, ग्रामीणों और राज्य के साथ केंद्र सरकार को भी परेशान कर दिया है। राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार ने भी इसके लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। टिड्डों के दल ने गुजरात के बनासकांठा जिले के सुइगाम, दांता, दीसा, पालनपुर और लखनी इलाको में फसलों को नुकसान पहुंचा कर मेहसाणा जिले के सतलसना इलाके में नुकसान पहुंचना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि इनके दल ने इलाके के 15 से 20 किलोमीटर हिस्से को प्रभावित करना शुरू कर दिया है।
नरेंद्र तोमर बोले- जल्द ही नियंत्रण पा लिया जाएगा
हालांकि भारत सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का मानना है कि राज्य और केंद्र की सरकार मिलकर काम कर रहे हैं इसलिए हालात पर जल्द ही नियंत्रण पा लिया जाएगा। इंडिया टीवी से खास बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि राजस्थान बॉर्डर से पिछले दिनों भी इस प्रकार की स्थिति हुई थी तो केंद्र सरकार के सभी लोगों ने लग कर उस स्थिति थे जूझ कर हालात पर काबू पाए थे और लगभग उस पर नियंत्रण हो गया था।
‘हवाओं के रुख की वजह से पहले जालौर फिर गुजरात में टिड्डों ने किया प्रवेश’
उन्होंने आगे कहा कि यह समय आमतौर पर टिड्डी का आने का नहीं है लेकिन इस समय थोड़ी सी हवाओं का रुख होने के कारण टिड्डियों का दल राजस्थान के जालौर में आया, फिर वह गुजरात में भी प्रवेश कर गया। मैंने वहां के मुख्यमंत्री जी से भी बात की थी अभी परसों अपने विभाग में भी समीक्षा की थी और वहां पर मेन पावर भी बढ़ा दिया गया है और जितने वाहन स्प्रे लगाने के लिए आवश्यकता है लगा दिए हैं। स्टेट गवर्नमेंट और केंद्र सरकार दोनों मिलकर उस पर काम कर रहे हैं और मुझे आशा है कि शायद हम जल्दी नियंत्रण करने में सफल होंगे।
‘नुकसान की संभावाएं बरकरार’
हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा अभी नुकसान का आंकड़ा नहीं है। नुकसान की संभावनाएं बरकरार हैं। जब टिड्डियों का दल आता है जब निश्चित रूप से नुकसान तो करता ही है लेकिन अभी ध्यान कलेक्टर्स, चीफ सेक्रेटरी, मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार का इस स्थिति पर नियंत्रण पाने का है। कृषि मंत्री के मुताबिक स्वाभाविक रूप से जिले के कलेक्टर इसमें स्थानीय के जागरूकता के कार्यक्रम को देखते हैं। उनके सहयोग से ही केंद्र सरकार के दल वहां काम करते हैं और हमेशा चौकस रहते हैं। स्टेट गवर्नमेंट अपने दायित्व का निर्माण ठीक प्रकार से कर रही है।
कृषि मंत्री ने किसानों को किया आश्वस्त
केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि मैं किसानों को यही कहना चाहता हूं कि सभी लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है केंद्र सरकार और राज्य सरकार उनके साथ खड़ी हुई है और हम समग्र प्रयास कर रहे हैं उनकी फसल का कोई नुकसान ना हो।
गुजरात सरकार ने की किसानों को मुआवजे की घोषणा
गुजरात सरकार ने बनासकांठा जिले और उत्तर गुजरात के अन्य क्षेत्रों में टिड्डियों के हमले के शिकार हुए किसानों को मुआवजा देने की बृहस्पतिवार को घोषणा की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों से आये टिड्डियों के झुंडों ने बनासकांठा, मेहसाणा, कच्छ, पाटन और साबरकांठा जिलों में, सरसों, अरंडी, सौंफ, जीरा, कपास, आलू, गेहूं और जतरोफा जैसी फसलों पर हमला किया। अधिकारी ने कहा कि बनासकांठा में लगभग 5,000 हेक्टेयर से भी अधिक रकबे में फसलों को नुकसान पहुंचा है। इस समस्या से निपटने के लिए 11 केंद्रीय टीमें गुजरात में पहुंची हैं।
सर्वेक्षण कर मुआवजा देगी सरकार
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमने केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को मिलाकर 27 दलों का गठन किया है। अभी तक हमने बनासकांठा में 1,815 हेक्टेयर में कीटनाशकों का छिड़काव किया है।’’उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार एक सर्वेक्षण करेगी और प्रभावित किसानों को मुआवजा देगी। राज्य सरकार कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की संभावना भी तलाश रही है।
टिड्डों को भगाने के लिए किसानों को दी गई जरूरी सलाह
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि टिड्डियों को फसल से दूर रखने के लिए किसानों को टायर जलाने, ड्रम बजाने और धातु की वस्तुओं को हिलाने, खेतों में टेबल पंखे लगाने और यहां तक कि संगीत बजाने सहित विभिन्न उपायों का निर्देश दिया गया है।
बनासकांठा जिले में 5,000 हेक्टेयर में फसलों पर असर पड़ा
पिछले सप्ताह बनासकांठा के सुइगम, दांता, दीसा, पालनपुर और लाखनी तहसीलों में टिड्डियों को पहली बार देखा गया था। वहां से वे मेहसाणा जिले की सतलसाना तहसील चले गए। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पहले कहा था, ‘‘इन्होंने (टिड्डियों के झुंड ने) पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों से गुजरात में प्रवेश किया। यह एक महीने में दूसरी बार है कि टिड्डियों ने उत्तर गुजरात के खेतों पर हमला किया है।’’ स्थानीय किसानों ने कहा कि वे लगभग एक दशक के बाद ऐसी घटना देख रहे हैं। राज्य के कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पूनमचंद परमार ने कहा कि बनासकांठा जिले में 5,000 हेक्टेयर में फसलों पर असर पड़ा है।