नई दिल्ली: देशव्यापी बंदी के दौरान मंगलवार को दिल्ली के ओखला मंडी पर जुटे प्रवासी मजदूरों के विरोध-प्रदर्शन मामले में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने सफाई दी है। पप्पू यादव ने कहा है कि कल ओखला मंडी में कोई बात ही नहीं हुई। सभी लोग पहले से वहां मौजूद थे।
उन्होंने कहा, "भीड़ तो पहले से जुटी हुई थी, मैं पहुंचा और 1 घंटे में भीड़ को समझा-बुझाकर हटा दिया। हमने दिल्ली पुलिस की मदद की है। दिल्ली पुलिस के लिए तालियां भी बजवाई। हर रोज इस तरह के मामले देश भर में हो रहे हैं। हम लगातार 50 दिनों से लोगों की मदद कर रहे है।" उन्होंने कहा, "भीड़ पहले से जमा थी, किसी ने मुझे सूचना दी और आग्रह किया कि भीड़ को समझा दूं। उस सूचना के आधार पर मैं भीड़ को हटाने के लिए आया था, आप वीडियो में भी देख सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "लोगों को समझाने का यह मतलब कतई नहीं है कि भीड़ को मैंने उकसाने का काम किया। मैं लगातार गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की सेवा करता रहा हूं। तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को मैंने आर्थिक मदद की है। लगभग 22,000 जरूरतमंद लोगों के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए हैं। 10 लाख से ज्यादा लोगों को राशन पहुंचाया है। ऐसे में यह कहा जाना ठीक नहीं है कि दिल्ली पुलिस ने हमारे खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज किया है।"
गौरतलब है कि पूर्व सांसद पप्पू यादव पर प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के नाम पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने का आरोप है। उन पर आरोप है कि मंगलवार को ओखला सब्जी मंडी के पास कैप्टन गौर मार्ग पर सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए मजदूरों की अगुवाई और प्रदर्शन किया। इस मामले में पुलिस ने अमर कॉलोनी थाने में पूर्व सांसद पप्पू यादव और उनके अज्ञात साथियों के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन में मुकदमा दर्ज किया है।
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