चेन्नई. शहर में शुक्रवार से लागू 12 दिन के लॉकडाउन के पहले रविवार को अस्पतालों और संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं को छोड़कर बाकी सेवाएं और प्रतिष्ठान बंद रहने के कारण शहर थम सा गया वहीं नगर निगम ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों का पता लगाने में मदद करने के लिए लगाए गए उसके बुखार शिविरों को लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
19 जून को शुरू हुए 12 दिन के लॉकडाउन में सब्जी की दुकानों, किराना दुकानों और पेट्रोल पंपों को सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक खुलने की अनुमति दी गयी है लेकिन आज ये सारे प्रतिष्ठान भी बंद रहे।
दरअसल सरकार ने घोषणा की थी कि लॉकडाउन की उक्त अवधि में पड़ने वाले दो रविवारों (21 और 28 जून) को दूध आपूर्ति, दवा दुकानें, अस्पताल और एंबुलेंस सेवाओं के अलावा अन्य कोई सेवा या दुकान खुलने की इजाजत नहीं होगी। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन के इस चरण को लागू किया गया है। रविवार को शहर में कर्फ्यू जैसे हालात थे और सड़कें खाली थीं।
पुलिस ने रास्तों और चौराहों को बैरीकेड लगाकर पूरी तरह रोक दिया था और केवल पुलिस, ग्रेटर चेन्नई निगम के सफाई कर्मियों तथा स्वास्थ्य कर्मियों को ही आवाजाही की अनुमति दी गयी। चेन्नई पुलिस ने कहा कि पाबंदियों के उल्लंघन के 4,799 मामले दर्ज किए गए हैं और 7,907 वाहनों को जब्त कर लिया गया है जिनमें 7,395 दोपहिया वाहन हैं।
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