सूरत (गुजरात)। सूरत में बंद के बीच घर जाने की इजाजत नहीं मिलने से नाराज प्रवासी मजदूरों द्वारा तोड़फोड़ और ठेलों में आग लगाए जाने के बाद पुलिस ने उनमें से करीब 80 लोगों को हिरासत में ले लिया। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि हिरासत में लिये गए अधिकांश मजदूर ओडिशा से हैं। बंद की वजह से सूरत में सैकड़ों प्रवासी कामगार फंस गए हैं। इन लोगों ने शुक्रवार रात शहर के लक्साना इलाके में ठेलों और टायरों में आग लगा कर हंगामा किया।
अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया और स्थिति अब नियंत्रण में है। एसीपी सी के पटेल ने कहा, “सैकड़ों मजदूर यह मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए कि उन्हें घर भेजा जाना चाहिए। इनमें से अधिकांश मजदूर ओडिशा के थे और उनका यह भी दावा था कि गैर सरकारी संगठन द्वारा उन्हें उपलब्ध कराया जा रहा खाना बेस्वाद है और खाना लेने के लिये उन्हें कतार में खड़ा होना पड़ता है।”
उन्होंने कहा, “इसी गुस्से में उन्होंने लस्काना इलाके में कुछ ठेलों और टायरों में आगजनी की। हमनें 80 प्रवासी कामगारों को हिरासत में लिया है। भारी पुलिस बंदोबस्त और प्रशासन की कड़ी नजर की वजह से स्थिति नियंत्रण में आई।” सूरत में 30 मार्च को 90 प्रवासी कामगारों को ऐसे ही मुद्दों को लेकर देशव्यापी बंद का उल्लंघन करने तथा पुलिस पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण 116 नए मामले मिलने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 378 हो गई। प्रदेश में कोविड-19 से दो और लोगों की मौत होने के साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 19 तक पहुंच गया है।
देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, 12 घंटे में ही कोरोना वायरस मामलों का आंकड़ा 686 बढ़ गया है और देशभर में अब शनिवार सुबह तक कुल कोरोना वायरस मामले बढ़कर 7447 हो चुके हैं। हालांकि कोरोना वायरस मामलों में बढ़ोतरी के साथ अब इससे ठीक होने वाले लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी होने लगी है, 12 घंटे में ठीक होने वालों का आंकड़ा 127 बढ़कर 642 हो गया है। जबकि इस वायरस से देशभर में कुल 239 लोगों की मौत हो चुकी है।
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