देश में कुल मिलाकर हैं 53.58 करोड़ मवेशी, जानें कितनी है गायों और बैलों की संख्या
भारत की पशुधन आबादी 2012 की तुलना में बढ़कर 53 करोड़ 57 लाख 80 हजार हो गई है।
नई दिल्ली: भारत की पशुधन आबादी 2012 की तुलना में बढ़कर 53 करोड़ 57 लाख 80 हजार हो गई है। ताजा पशुधन गणना के मुताबिक, इसी दौरान गायों की आबादी में 18 फीसदी का इजाफा हुआ है और यह बढ़कर 14 करोड़ 51 लाख 20 हजार हो गई है। बुधवार को जारी पशुधन गणना-2019 में पता चला कि भेड़, बकरी और मिथुन की आबादी दोहरे अंकों में बढ़ी है, जबकि घोड़े और टट्टू, सूअर, ऊंट, गधे, खच्चर और याक की गिनती में गिरावट आई है।
देश में पश्चिम बंगाल में है सबसे ज्यादा पशुधन
मतस्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘देश में कुल पशुधन की संख्या 53 करोड़ 57.8 लाख है, जो पशुधन गणना-2018 की तुलना में 4.6 प्रतिशत अधिक है।’ राज्यों में, पश्चिम बंगाल में पशुधन संख्या में सर्वाधिक 23.32 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके बाद वृद्धि के मामले में तेलंगाना (22.21 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (15.79 प्रतिशत), बिहार (10.67 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश (11.81 प्रतिशत) का स्थान है। हालांकि, उत्तर प्रदेश (1.35 प्रतिशत), राजस्थान (1.66 प्रतिशत) और गुजरात (0.95 प्रतिशत) में पशुधन में गिरावट हुई है।
जानें, क्या है विभिन्न पशुओं का प्रतिशत
पशुधन की इस 20वीं गणना के अनुसार, गोधन की हिस्सेदारी 35.94 प्रतिशत, बकरी (27.8 प्रतिशत), भैंस (20.45 प्रतिशत), भेड़ (13.87 प्रतिशत) और सूअर (1.69 प्रतिशत) है। वर्ष 2012 की तुलना में गोधन, भैंस, मिथुन और याक की संख्या एक प्रतिशत बढ़कर 30.28 करोड़ हो गई है। मिथुन अरुणाचल प्रदेश का राज पशु है। बयान के मुताबिक, ‘वर्ष 2019 में देश में कुल गोधन की संख्या 19 करोड़ 24.9 लाख है, जो पिछली बार की तुलना में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसमें मादा गोधन 14 करोड़ 51.2 लाख है, जो 2012 के मुकाबले 18 फीसद बढ़ी है।’
भैंसों की संख्या में भी एक फीसदी का इजाफा
विदेशी/क्रॉसब्रीड तथा स्वदेशी/गैर-विवरणित मवेशी आबादी क्रमशः 5.4 करोड़ और 14.2 करोड़ है। पिछली गणना की तुलना में वर्ष 2019 में स्वदेशी/गैर-विवरणी मादा मवेशियों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछली गणना की तुलना में वर्ष 2019 में कुल विदेशी/क्रॉसब्रीड मवेशियों की आबादी 26.9 प्रतिशत बढ़ी है। भैंसों की कुल संख्या लगभग एक प्रतिशत बढ़कर 10.99 करोड़ हो गई, जबकि गायों और भैंसों सहित दुधारू पशुओं (दूध दे रहे और शुष्क) की गिनती 12 करोड़ 53.4 लाख है, जो पिछली गणना से 6 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में वर्ष 2019 में कुल भेड़ें 7.4 करोड़ हैं, जो पिछली गणना से 14.1 फीसदी अधिक है।
बकरियों की संख्या में 10 फीसदी की बढ़ोतरी
नवीनतम गणना के अनुसार, बकरियों की संख्या 10 प्रतिशत बढ़कर 14.9 करोड़ हो गई है लेकिन सुअर की संख्या 12 प्रतिशत घटकर 90.6 लाख है। कुल मवेशियों में मिथुन, याक, घोड़े, टट्टू, खच्चर, गधे, ऊंट सहित अन्य पशुधन का 0.23 प्रतिशत का योगदान हैं और उनकी कुल संख्या 12.4 लाख है। देश में 2019 में गधों की संख्या 61 फीसदी घटकर 1,20,000 रह गई, जबकि ऊंटों की संख्या 37 फीसदी घटकर 2,50,000 रह गई है। बयान में कहा गया है, ‘देश में वर्ष 2019 में कुल घोड़े और टट्टू 3.4 लाख (3,40,000) हैं, जो पिछली गणना के मुकाबले 45.6 प्रतिशत कम है।’
रिपोर्ट में दिल्ली के आंकड़े पिछली गणना के
मंत्रालय ने कहा कि पशुधन के अलावा, वर्ष 2019 में कुक्कुट की संख्या लगभग 17 प्रतिशत बढ़कर 85.19 करोड़ हो गई है। बीसवीं पशुधन गणना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी के साथ आयोजित की गई थी। इसमें लगभग 6.6 लाख गांव, 89,000 शहरी वॉर्ड को शामिल किया गया और इनमें 27 करोड़ से अधिक घरों और घुमन्तू परिवारों को शामिल किया गया। चूंकि दिल्ली में गणना अभी पूरी नहीं हुई है, इसलिए इस रिपोर्ट में दिल्ली के आंकड़े पिछली गणना के हैं। (भाषा)