नई दिल्ली: बंबई उच्च न्यायालय महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अर्जियों की सुनवाई आज शुरू कर सकता है। वर्ष 2014 और 2015 में तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा सरकार ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण दिया था जिसके बाद इस मुद्दे को लेकर अदालत में कई याचिकाएं डाली गई थीं।
नवंबर 2014 में एक अंतरिम आदेश में बंबई उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने तत्कालीन सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी। कुछ याचिकाओं में सरकार के फैसले का विरोध किया गया था जबकि दो याचिकाओं में कोटा तत्काल लागू करने की मांग की थी।
याचिकाकर्ताओं में से एक विनोद पाटिल ने सोमवार को न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का जिक्र किया और तत्काल सुनवाई की मांग की। न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा कि वह याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करेंगे।
उधर महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने की घोषणा की। रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि सरकार ने स्टेट बैकवर्ड क्लास कमिशन की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।
रिपोर्ट और मराठा आरक्षण से संबंधित बिल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। सीएम फडणवीस ने पिछले हफ्ते कहा था कि कोटा मसले को लेकर सभी कानूनी औपचारिकताएं अगले 15 दिनों में पूरी कर ली जाएंगी।
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