PM मोदी का जम्मू-कश्मीर दौरा आज, कुशाक बाकुला की सौवीं जयंती समारोह में हुए शामिल
आज प्रधानमंत्री मोदी लेह में ज़ोजिला सुरंग का भी शिलान्यास भी करेंगे। 14 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग भारत की सबसे लंबी सुरंग होगी। साथ ही दो दिशाओं वाली ये एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। इस सुरंग के बनने से लेह, करगिल और श्रीनगर के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी बनी रहेगी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर जाएंगे जिस दौरान वो श्रीनगर-लेह राष्ट्री राजमार्ग पर जोजिला सुरंग का शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी यहां पहुंचते ही लद्दाखी आध्यात्मिक नेता कुशाक बाकुला की सौवीं जयंती समारोह में शामिल हुए। पीएम मोदी आज वैष्णो देवी के भक्तों के लिए नए रास्ते का उद्घाटन भी करेंगे। 7 किलोमीटर लंबा ये रास्ता दर्शनीय देवड़ी से अर्ध कुमारी तक है। पुराने रास्ते पर भीड़ की वजह से भक्तों को परेशानी होती थी इसीलिए इस नए रास्ते का निर्माण किया गया। इसके साथ ही पीएम लेह में जोजिला टनल का शिलान्यास करेंगे। 14 किलोमीटर लंबी ये एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। ये सुरंग 7 साल में बनकर तैयार होगी। इस सुरंग के बनने से लेह, करगिल और श्रीनगर के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी बनी रहेगी।
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- मैं चाहूंगा कि आप, हम, सभी अपनी सारी शक्ति सिर्फ और सिर्फ जम्मू-कश्मीर के विकास पर लगाएं। हर समस्या, हर विवाद, हर मतभेद का हल एक ही है- विकास, विकास, और सिर्फ विकास: PM
- जम्मू कश्मीर के विकास के लिए राज्य और केंद्र सरकार के पास नीति भी है, नीयत भी है, और निर्णय लेने में भी हम पीछे नहीं रहते: PM
- इसी कश्मीरियत के अटल जी भी कायल रहे हैं और इसी कश्मीरियत का मोदी भी मुरीद है। मैंने तो लाल किले से भी कहा था कि न गाली से समस्या सुलझने वाली है, न गोली से, समस्या सुलझेगी, हर कश्मीरी को गले लगाने से: PM
- मैं फिर कहूंगा, पिछले वर्ष मैंने दीवाली गुरेज़ में जवानों के साथ मनाई तो इस वर्ष रमज़ान के मौके पर यहां आप सबके बीच में हूं। यही तो कश्मीर की भावना है, यही तो इस धरती की देश और दुनिया को देन है। यहां सबका स्वागत है, यहां सबका सत्कार है: PM
- हजारों वर्षों से, हम एक भारत मां की संतानें हैं। दुनिया की कोई शक्ति ऐसी नहीं, जो भाई को भाई से दूर कर सके। जो लोग दशकों से इस प्रयास में लगे हुए थे, वो अब खुद बिखरने की कगार पर हैं: PM
- भटके हुए नौजवानों द्वारा उठाया गया हर पत्थर, हर हथियार, उनके अपने जम्मू कश्मीर को अस्थिर करता है। राज्य को अब अस्थिरता के इस माहौल से बाहर निकलना ही होगा। भविष्य के लिए, अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए, उन्हें सिर्फ कश्मीर ही नहीं, भारत के विकास की मुख्यधारा से जुड़ना होगा: PM
- इस युवा पीढ़ी पर ही जिम्मेदारी है जम्मू- कश्मीर का गौरव और बढ़ाने की। जम्मू - कश्मीर में इतने साधन हैं, इतने संसाधन, इतना सामर्थ्य है, फिर कोई वजह नहीं कि जम्मू- कश्मीर, भारत के अपने दूसरे क्षेत्रों से रत्ती भर भी पीछे रहे: PM
- शांति और स्थायित्व का कोई विकल्प नहीं होता। मेरा आग्रह है कि जो नौजवान रास्ता भटक गए हैं, वो मुख्यधारा में लौटें। ये मुख्यधारा है, उनका परिवार, उनके माता-पिता। ये मुख्यधारा है जम्मू कश्मीर के विकास में उनका सक्रिय योगदान: PM
- यहां महबूबा मुफ्ती जी के नेतृत्व में चल रही पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार और केंद्र की एनडीए सरकार निरंतर ऐसे नौजवानों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है, जो विदेशी दुष्प्रचार से प्रभावित होकर अपनी ही पवित्र धरती पर प्रहार कर रहे हैं: PM
- देश के सवा सौ करोड़ लोग आज New India के संकल्प पर काम कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर इस New India का सबसे चमकता सितारा बन सकता है: PM
- आज जम्मू-कश्मीर के अनेक युवा, देश के दूसरे राज्यों के नौजवानों के लिए रोल मॉडल बन रहे हैं। सिविल सेवा में जब यहां के नौजवानों का नाम देखता हूं, उनसे मुलाकात करता हूं, तो मेरी खुशी दोगुनी हो जाती है: PM
- राज्य के ऐसे इलाके जो बर्फबारी में महीनों के लिए कट जाते हैं, उन्हें भी जोड़ा जा रहा है, उनके लिए हेलीकॉप्टर सर्विस मुहैया कराई जा रही है: PM
- यहां श्रीनगर बनने वाली रिंग रोड हो, श्रीनगर-शोपियां-काज़ीगुंड नेशनल हाईवे हो या फिर चेनानी-सुधमहादेव-गोहा रोड हो, इनके पूरा होने पर आप लोगों का समय भी बचेगा और संसाधनों की बर्बादी भी कम होगी: PM
- टूरिज्म के लिए जिस आधुनिक इकोसिस्टम की आवश्यकता होती है, ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार काम कर रही है। जितना ये इकोसिस्टम मजबूत होगा, उतना ही जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, उतना ही जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, उतना ही आपकी कमाई बढ़ेगी: PM
- आज का टूरिस्ट, आज की सुविधाएं चाहता है। वो एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए घंटों का इंतजार नहीं करना चाहता, वो संकरे रास्तों में फंसना नहीं चाहता, वो लगातार बिजली चाहता है, वो साफ-सफाई चाहता है, वो अच्छी हवाई सेवा चाहता है: PM
- जम्मू-कश्मीर में विकास का सबसे बड़ा माध्यम अगर कोई सेक्टर है, तो वो है टूरिज्म। ये दशकों से हम देखते आ रहे हैं। कम निवेश पर सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाला ये सेक्टर जम्मू-कश्मीर का भाग्यविधाता रहा है। लेकिन अब ये सेक्टर पुराने-तौर तरीकों पर नहीं चलता: PM
- सरकार राज्य के हर घर तक बिजली पहुंचाने की मुहिम में जुटी है। सौभाग्य योजना के तहत अब जम्मू-कश्मीर के हर उस घर में मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का काम चल रहा है, जहां अब तक बिजली नहीं पहुंची है: PM
- जम्मू कश्मीर में कई नदियां हैं। यहां जल विद्युत की अपार संभवानाएं हैं। ये देश का वो हिस्सा है जो ना सिर्फ अपनी जरूरतों बल्कि बाकी देश के लिए भी बिजली पैदा कर सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीते चार वर्षों से हम यहां अनेक परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं: PM
- जम्मू कश्मीर का पानी और यहां की जवानी दोनों इसी धरती के काम आने वाले हैं: PM
- जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए राज्य के तीनों ही हिस्सों- कश्मीर, जम्मू और लद्दाख का संतुलित विकास बहुत आवश्यक है: PM
- अभी यहां इस मंच से मुझे श्रीनगर रिंग रोड के शिलान्यास का भी अवसर मिला है। 42 किलोमीटर की इस सड़क पर 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। ये रिंग रोड श्रीनगर शहर के भीतरी इलाकों में जाम की समस्या को काफी हद तक कम करने का काम करेगी, आपकी जिंदगी आसान बनाएगी: PM
- ये प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग की बेजोड़ मिसाल है। इसे पूरा करने के लिए अनेक लोगों ने तपस्या की है। पहाड़ के सीने को चीरकर किशनगंगा के पानी को टनल के जरिए बांदीपोरा के बोनार नाला में पहुंचाया गया: PM
- इससे राज्य को सिर्फ मुफ्त ही नहीं बल्कि पर्याप्त बिजली मिलेगी। अभी जम्मू कश्मीर को जितनी बिजली की आवश्यकता होती है, उसका एक बड़ा हिस्सा देश के दूसरे हिस्से से पूरा किया जाता है। 330 मेगावाट की इस परियोजना के शुरु होने से बिजली की कमी की समस्या को बहुत हद तक कम किया जा सकेगा: PM
- ये प्रोजेक्ट जम्मू कश्मीर की विकास यात्रा में नए आयाम जोड़ने के लिए तैयार है। इस अवसर पर मैं आप सभी को बधाई देता हूं: PM
- ये भी सुखद संयोग है कि रमज़ान के इस मुबारक महीने में ही हम यहां एक बहुत बड़े सपने के पूरा होने पर इकट्ठा हुए हैं। आज मुझे किशनगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है: PM
- ये महीना पैगम्बर मोहम्मद साहब की शिक्षा और उनके सन्देश को याद करने का अवसर है। उनके जीवन से समानता और भाईचारे की सीख ही सही मायने में देश और दुनिया को आगे ले जा सकती है: PM
- श्रीनगर में बाढ़ के बाद की दीवाली मैंने यहां पीड़ितों के बीच बिताई थी। इसके अलावा सीमा पर तैनात जवानों के साथ दीवाली मनाने का भी मुझे सौभाग्य मिला था। और आज जब रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है तब भी मैं आपके बीच में हूं: PM
- एक बार फिर जम्मू कश्मीर में आप सभी के बीच आने का अवसर मुझे मिला है। आपका अपनापन, आपका स्नेह ही है जो मुझे बार-बार यहां खींच लाता है। बीते चार वर्ष में ऐसा कोई साल नहीं रहा जब मेरा यहां आना ना हुआ हो: PM
देवड़ी से अर्ध कुमारी तक 7 किलोमीटर लंबे मार्ग को पूरा करने में तकरीबन 7 साल का वक्त लगा है। श्राइन बोर्ड ने इस मार्ग पर यात्रियों की सुविधाओं का खास ध्यान रखा है। पुराने रास्ते से माता के भवन तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की अक्सर एक शिकायत होती थी कि रास्ता तंग होने की वजह से जब भीड़ ज्यादा होती है। भक्तों की परेशानी को समझते हुए अलग से एक डेडीकेटेड रास्ता आज से खोला जा रहा है। इस नए रास्तों को बनाने के लिए 80 करोड रुपए की लागत आई है। वो मंदिर में सामान ले जाने के लिए रोप वे की भी शुरूआत करेंगे। इसके साथ ही वह एस के कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे।
आज प्रधानमंत्री मोदी लेह में ज़ोजिला सुरंग का भी शिलान्यास भी करेंगे। 14 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग भारत की सबसे लंबी सुरंग होगी। साथ ही दो दिशाओं वाली ये एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। इस सुरंग के बनने से लेह, करगिल और श्रीनगर के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी बनी रहेगी। 14 किलोमीटर की इस सुरंग को बनने में 7 साल लगेंगे और इस करीब 6 हजार आठ सौ करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इस सुरंग के बनने से श्रीनगर और लेह की दूरी फिलहाल लगने वाले 3.5 घंटे के समय से घटकर महज 15 मिनट की हो जाएगी।
इस सुरंग के बनने से श्रीनगर-कारगिल-लेह के बीच बारह महीने सड़क संपर्क बनाए रखने में मदद मिलेगी। अभी दोनों जगहों के बीच का रास्त करीब छह महीने बर्फ से ढके रहने के कारण बंद रहता है। जानकारी के अनुसार जोजिला सुरंग में ट्रांसवर्स वेंटिलेशल प्रणाली के साथ, अबाधित बिजली आपूर्ति, सुरंग में आपातस्थिति में प्रकाश की सुविधा, सीसीटीवी से रिकॉर्डिंग, अधिक ऊंचाई के वाहनों की पहचान, सुरंग रेडियो प्रणाली, ट्रैफिक जाम से जुड़े उपकरण और विविध प्रकार के संदेश संकेतक इत्यादि शामिल होंगे। इसमें हर 250 मीटर पर पैदल पारपथ, हर 750 मीटर पर वाहन पारपथ और किनारे खड़े होने की सुविधा भी होगी। साथ ही हर 125 मीटर पर इसमें आपात टेलीफोन और अग्निशमन उपकरणों की भी सुविधा होगी।