आरुषि मर्डर केस: राजेश और नूपुर तलवार बरी, CBI कोर्ट के फैसले को HC ने खारिज किया
इस केस के दांव पेंचों ने पहले पुलिस को छकाया फिर सीबीआई को इतना मजबूर कर दिया कि वो बिना किसी ठोस नतीजे के अदालत के सामने पहुंच गई। अदालती कार्यवाही के दौरान जो कुछ हुआ वो इस देश में केवल कुछ ही केसों में हुआ है। ये अनूठा केस बन गया था। पता ही नहीं च
इस केस के दांव पेंचों ने पहले पुलिस को छकाया फिर सीबीआई को इतना मजबूर कर दिया कि वो बिना किसी ठोस नतीजे के अदालत के सामने पहुंच गई। अदालती कार्यवाही के दौरान जो कुछ हुआ वो इस देश में केवल कुछ ही केसों में हुआ है। ये अनूठा केस बन गया था। पता ही नहीं चल रहा था कि आरुषी और हेमराज का मर्डर किसने किया और उससे भी बड़ा सवाल की मर्डर क्यों हुआ।
तलवार दंपति दोषी क्यों?
- आरूषि का बेडरूम और उसके पैरेंट्स का कमरा बिल्कुल सटा था
- हेमराज का शव छत पर मिला, छत का दरवाजा अंदर से बंद था
- घटना की रात फ्लैट में 4 लोग, तलवार दंपति, आरूषि, हेमराज
- आरूषि-हेमराज की हत्या..बाहरी व्यक्ति के आने की गुंजाइश नहीं
- हत्या की पूरी रात इंटरनेट चालू, एक आरोपी पूरी रात जगा था
- इंटरनेट चालू होने की वजह से रात में बिजली गुल की बात गलत
- किसी बाहरी व्यक्ति के घर में घुसने का भी कोई सबूत नहीं मिला
- फ्लैट में चोरी या सामान के गायब होने का सबूत नहीं था
- तलवार दंपति के कपड़ों पर खून नहीं मिलना एक सबूत माना गया
- डाइनिंग टेबल पर स्कॉच की बोतल पर खून के निशान
- बाहरी व्यक्ति का हेमराज को मारकर शव छत पर ले जाना संभव नहीं
- मर्डर से पहले कभी भी छत के दरवाजे पर ताला नहीं लगाया गया
- सीढ़ियों पर गिरे खून को साफ करने की कोशिश की गई थी
- गायब गोल्फ स्टिक कुछ दिन बाद तलवार के घर से ही मिली थी
- आरूषि-हेमराज के सिर-गर्दन पर गोल्फ स्टिक के चोट के जख्म थे
आरुषि की मर्डर मिस्ट्री इतनी उलझी हुई थी कि उसे कोई एजेंसी सुलझा नहीं पाई। कई सवाल तो अब भी जवाब तलाश रहे हैं। साढ़े पांच साल के लंबे इंतजार के बाद आरुषि के मां-बाप को सजा तो हो गई थी, लेकिन देश को उन सारे अनसुलझे सवालों का जवाब नहीं मिल पाया जिसका जवाब खोजने में यूपी पुलिस और सीबीआई की टीम पूरी तरह से फेल हो गई थी।
कोर्ट फैसला सुना चुका था लेकिन अनुमान और आकलन के आधार पर सुनाए गए इस फैसले में ऐसे कई अनसुलझे सवाल थे जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता था लेकिन जवाब ना पुलिस दे पा रही थी, ना सीबीआई। देखते ही देखते ये घटना सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री बन गई। अब तक इस मामले में पता ही नहीं चल पाया है कि
- हत्या के लिए इस्तेमाल हथियार कहां है?
- दीवार पर खूनी पंजे के निशान किसके थे?
- स्कॉच की बोतल पर किसके हाथ के निशान थे?
- सीढ़ियों पर खून के धब्बे किसके थे?
- आरुषि के खून से सने कपड़े कहां हैं?
- फिंगर प्रिंट के साथ छेड़छाड़ किसने की?
- हत्या की रात क्या बाहर से कोई आया था?
- हेमराज की लाश घर की छत पर कौन ले गया?
- और सबसे बड़ा सवाल कि आरुषि-हेमराज के कत्ल का मकसद क्या था?
आरुषि और हेमराज का बिलकुल सीधा-सा दिखने वाला दोहरा हत्याकांड सबसे रहस्यमय मामला क्यों बन गया। कहा जाता है कि पुलिस की लापरवाही, उसकी भूल और उसकी गलतियों की वजह से हत्या की ये कहानी सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री बन गई।