नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दोषी सांसदों और विधायकों के चुनाव लड़ने पर आजीवन रोक लगा देनी चाहिए। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट में यह दलील दी। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल कोर्ट में इन केसों की सुनवाई की बात की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दागी नेताओं के मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने में कितना वक्त और पैसा लगेगा इसकी जानकारी कोर्ट को दे।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राजनीति को अपराधमुक्त करना होगा और नेताओं के खिलाफ दायर आपराधिक मामले देखने के लिए विशेष अदालतों के गठन का समर्थन किया। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि आपराधिक मामलों में दोषी करार दिए गए नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की वकालत करने वाली चुनाव आयोग एवं विधि आयोग की सिफारिश पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से बताने को कहा कि 2014 के आंकड़ों के अनुसार सांसदों एवं विधायकों से जुड़े 1,581 मामलों में से कितनों का एक साल के भीतर निपटान किया गया है। साथ ही यह भी पूछा कि इन 1,581 मामलों में से कितनों में प्रतिवादी को दोषी करार दिया गया और कितनों में प्रतिवादी को बरी किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 से 2017 के बीच नेताओं के खिलाफ दायर आपराधिक मामलों का ब्यौरा और उनके निपटान का आंकड़ा मांगा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को विशेष अदालतों के गठन की योजना की जानकारी देने तथा उस धनराशि के बारे में बताना को कहा जो इसके लिए निर्धारित की जा सकती है।
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