लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति पर मुहर लगा दी है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021-22 के लिये आबकारी नीति को अनुमोदित कर दिया है। शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, आबकारी नीति की मुख्य बातों में फुटकर दुकानों में पीओएस मशीनें लगाना, वाइन उत्पादन को प्रोत्साहन देना, निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा रखने के लिये विशेष लाइसेंस (घर में सीमा से ज्यादा शराब रखने के लिए लाइसेंस), हवाई अड़डों पर प्रीमियम रिटेल ब्रांड की उपलब्धता तथा देसी मदिरा के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होना आदि शामिल है।
राजस्व का भी नया लक्ष्य तय किया
बयान के अनुसार, वर्ष 2020-21 के अनुमानित 28,340 करोड़ रुपये के राजस्व की तुलना में 2021-22 में 34,500 करोड़ रुपये राजस्व संभावित है। बयान में कहा गया कि नशे के दुष्प्रभावों एवं संयमित मदिरा सेवन के संबंध में आम जनता को जानकारी दिये जाने और जागरूकता लाये जाने हेतु विशेष प्रचार अभियान संचालित होगा। यह अभियान मुख्य रूप से कम उम्र वालों को शराब पीने से रोकने, शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर रोक तथा निर्धारित सीमा में शराब के सेवन पर केन्द्रित होगा। इस हेतु प्रभावी अभियान चलाये जाने व अन्य गतिविधियों हेतु एक करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है।
उपभोक्ताओं की अच्छी मदिरा उपलब्धि हो
बुलंदशहर में सस्ती शराब पीकर पांच लोगों के अपनी जान गंवाने तथा 16 लोगों के बीमार होकर अस्पताल में भर्ती होने के कुछ ही घंटे बाद जारी इस आबकारी नीति में कहा गया कि उपभोक्ताओं को सस्ती एवं उच्च गुणवत्ता की मदिरा उपलब्धि कराने हेतु ग्रेन ई.एन.ए. से निर्मित उच्चम गुणवत्ता युक्त मदिरा यूपी मेड लिकर की टेट्रा पैक में बिक्री देसी मदिरा दुकानों से अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य 85 रूपये में उपलब्ध होगी।
बीयर की फुटकर दुकानों के लाइसेंस शुल्क में वृद्धि नहीं
नयी नीति के तहत देसी मदिरा, विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों और माडल शॉप की वर्ष 2021-22 हेतु वार्षिक लाइसेंस फीस में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। बीयर की फुटकर दुकानों के लाइसेंस शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। देसी मदिरा के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होगी।
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