नई दिल्ली: पॉकेटमारों ने चुराए गए बटुए को निपटाने का अनोखा तरीका निकाला है। वे अब पहचान-पत्र जैसे कार्ड वाले बटुओं को पत्र-पेटियों (पोस्ट बॉक्स) में डाल देते हैं। पिछले छह महीने में चेन्नई के डाक विभाग में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। शहर के डाक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पॉकेटमार बटुए से पैसे निकालने के बाद उन्हें पत्र-पेटियों में डाल देते हैं, लेकिन बटुए में रखे पहचान-पत्र जैसे कार्ड उसी में छोड़ देते हैं।
पिछले छह महीने में चेन्नई नगर निगम क्षेत्र में विभाग के सामने ऐसे करीब 70 मामले आए हैं। डाक कर्मियों को बटुए में आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसी चीजें तो मिलती हैं लेकिन उनमें पैसे नहीं रहते। अधिकारी ने कहा, ‘‘संबंधित डाक घर में सब-पोस्टमास्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि कार्ड उचित व्यक्ति तक पहुंचा दिए जाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह काम करने से विभाग को तो कोई आय नहीं होती, लेकिन नागरिकों की सेवा भावना से ऐसा किया जाता है।’’
इसके अलावा कई पहचान पत्र बिना पर्स के ही पाए गए हैं, ऐसा हो सकता है कि किसी राहगीर ने सड़क पर पाए पहचान पत्रों को पत्र-पेटियों में डाल दिया हो। अलग अलग लेटर बक्स से 10-10 पहचान पत्र मिले हैं। एक लेटर बॉक्स से तो दो पासपोर्ट भी मिले। इन्हें रीजनल पासपोर्ट ऑफिस भेज दिया गया है।
जिन पहचान-पत्रों पर फोन नंबर होते हैं, डाक कर्मी उनका इस्तेमाल कर उचित व्यक्ति को सूचित करते हैं और उन्हें संबंधित डाक घर से कार्ड ले जाने को कहते हैं। यदि नंबर उपलब्ध नहीं होता तो कार्ड पर दिए गए पते पर उसे भेज दिया जाता है।
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