नयी दिल्ली: वाम दलों ने बुधवार को राम मंदिर भूमि पूजन समारोह की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। माकपा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह से बाबरी मस्जिद ढांचे के विध्वंस को ‘पूर्वव्यापी प्रभाव से वैध’ करार दिया गया है, वहीं भाकपा ने अयोध्या में आज के आयोजन को ‘लोकतंत्र के लिए काला दिन’ करार दिया।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में मस्जिद विध्वंस को ‘कानून का घोर उल्लंघन’ कहा गया और इस अपराध को करने वालों को सजा की बात कही गयी। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी किसी सजा से पहले निर्माण शुरू हो गया। यह उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है जिसने एक ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण का निर्देश दिया था।’’
येचुरी ने दूरदर्शन पर दुनियाभर में इस आयोजन के प्रसारण पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘भूमि पूजन से बाबरी मस्जिद विध्वंस को पूर्वव्यापी प्रभाव से वैधता प्रदान की गयी है।’’ माकपा नेता ने कहा, ‘‘भूमि पूजन समारोह राजनीतिक मकसद से लोगों की धार्मिक भावनाओं का खुल्लम खुल्ला दोहन है।’’ भाकपा ने राम मंदिर आंदोलन की तुलना भारत के स्वतंत्रता संघर्ष से करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की।
अयोध्या में भूमि पूजन समारोह के बाद मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संघर्ष और मंदिर निर्माण के लिए लोगों के सदियों के संघर्ष की तुलना करते हुए कहा कि यह दिन उन बलिदानों और संकल्प की याद दिलाता है जिस तरह 15 अगस्त भारत की आजादी की याद दिलाता है।
भाकपा नेता और सांसद बिनय विस्वाम ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का अयोध्या के आज के समारोह में दिया गया बयान भारत जैसे लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश के निर्वाचित नेता के नाते निंदनीय है। प्रधानमंत्री भूल गये कि वह पूरे देश के नेता हैं और केवल आरएसएस-भाजपा की विचारधारा पर चलने वालों के नहीं।’’ भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि समारोह से इस बात की पुष्टि हो गयी कि आरएसएस ही सरकार चलाता है।
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