नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने न्यायाधीश द्वारा बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी अदालत कक्ष में कथित रूप से दुर्व्यवहार करने और ऊंची आवाज में बोलते रहने के आरोप में एक वकील के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की है।
अदालत के आदेश के अनुसार आठ सितंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद की अदालत में नियमित सुनवाई के दौरान एक वकील ने अभियोजक के साथ "बहुत ऊंची आवाज" में बहस करते हुए आरोप लगाया कि वह उनका मजाक उड़ा रहे हैं।
न्यायाधीश द्वारा बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी वकील ऊंची आवाज में ही बोलते रहे। इस पर न्यायाधीश ने उनसे इस संबंध में लिखित जवाब मांगा। दस सितंबर को वकील ने यह सूचित किए जाने के बाद भी कि उनका ऐसा रुख अपराध माना जा सकता है, स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया।
इसके बाद न्यायाधीश ने आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी गौर किया कि वकील को अपने कृत्य को लेकर कोई पछतावा नहीं है। मामले में अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी।
वकील अपने मुवक्किल के लिए मेडिकल आधार पर दो महीने की अंतरिम जमानत की खातिर अदालत आए थे। अदालत ने मेडिकल दस्तावेजों पर गौर करने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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