नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि केंद्र सरकार सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते कि वे एक डेलीगेशन लेकर आते। रविशंकर प्रसाद इंडिया टीवी पर प्रसारित शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा, 'हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन जुलूस लेकर आएंगे तो बातचीत नहीं होगी। दो महीने पहले मैंने स्ट्रक्चर्ड डायलॉग का प्रस्ताव दिया था। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि आप डेलीगेशन लेकर आइये लेकिन ये लोग जुलूस लेकर पहुंच गए। ऐसे तो कोई बातचीत नहीं होती?'
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'देश के कानून मंत्री के तौर पर मैं यहां आश्वासन देना चाहता हूं, देश से किसी भी अल्पसंख्यक को निकाला नहीं जाएगा।' उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं आपसे एक सवाल भी पूछना चाहता हूं। क्या अमेरिका कोई ऐसे ही घुस सकता है? या तो नागरिक बनना पड़ेगा या वीजा लेकर जाना पड़ेगा। क्या इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन आप ऐसे ही जा सकते हैं? मैं इन देशों का नाम इसलिए ले रहा हूं क्योंकि ये जम्हूरियत वाले मुल्क हैं। वहां नागरिकता की सूची रखते हैं तो ठीक बात है.. पर यहां पर उसकी बात तक करते हैं, तो गलत बात है?
हालांकि रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर काम शुरू करने के लिए सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, 'अभी एनआरसी का कोई फॉर्मेट भी नहीं बना है, और न ये कैबिनेट के सामने आया है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि अभी एनआरसी लाने का कोई विचार नहीं है। क्या आपको मुल्क के वजीरे आजम पर विश्वास नहीं है?
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