पिछले महीने गुजरात के लगभग 1500 लोग निजामुद्दीन इलाके में थे: सरकार
पिछले महीने गुजरात के लगभग 1500 लोग राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में थे जहां कोरोना वायरस महामारी के चलते फिलहाल कड़ा लॉकडाउन है।
अहमदाबाद: पिछले महीने गुजरात के लगभग 1500 लोग राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में थे जहां कोरोना वायरस महामारी के चलते फिलहाल कड़ा लॉकडाउन है। हालांकि राज्य सरकार को इस इलाके में हुए आयोजन शामिल होने वाले लोगों की सही संख्या के बारे में पता नहीं है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक पुलिस और नगर निकाय अधिकारियों की संयुक्त टीमों ने सूरत, भावनगर और बोताड़ शहर के लहभग 60 लोगों की पहचान की जो संभवत: निजामुद्दीन इलाके मौजूद थे। उन सभी को मंगलवार रात से पृथक सेवा में रख दिया गया है।
तबलीगी जमात के आयोजन ‘‘मरकज’’ के बाद से निजामुद्दीन का इलाका कोरोना वायरस संक्रमण के हॉट स्पॉट (जहां संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा हो) के रूप में उभरा है और इस कारण कई राज्य उस आयोजन में भाग लेने वालों की पहचान करने में फुर्ती से जुट गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार प्रशासन इन अलग-अलग शहरों में इन 1500 लोगों की पहचान करने में जुटा हुआ है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में गुजरात से ‘‘मरकज’’ में शामिल होने दिल्ली जाने वाले हर व्यक्ति को खोजकर पृथक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों की सही संख्या बुधवार शाम तक बता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने मरकज में शामिल होने वालों के खिलाफ लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “पूरे समाज को खतरे में डालने वाले इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को सहन नहीं किया जाएगा।”
इस बीच सूरत नगरपालिका आयुक्त वांछानिधि पाणि ने कहा कि रात भर में 43 लोगों की पहचान कर उन्हें केंद्रीय पृथक सेवा में भेज दिया गया है। सूरत के पुलिस आयुक्त आरबी ब्रह्मदत्त ने कहा कि सभी 43 लोगों की पूछताछ करने के बाद पता चला है कि उनमें से केवल एक मरकज में शमिल हुआ था जबकि अन्य किसी काम या व्यापार के सिलसिले में निजामुद्दीन इलाके में गए थे। पुलिस महानिदेशक अशोक यादव ने बताया कि मंगलवार को भावनगर से निजामुद्दीन जाने वाले 13 लोगों की पहचान कर पृथक कर दिया गया था।
अधिकारियों के मुताबिक वलसाड में 10 अन्य लोगों की पहचान की गई है जबकि नवसारी में 15 लोग पृथक सेवा में रखे गए हैं। इस बीच पंजाब से नौ लोगों के तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल होने की खबर मिली है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कार्यक्रम में शामिल होने वालों में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद उनमें से कोई पंजाब लौटकर नहीं आया है। अधिकारियों ने उन नौ लोगों और उनके परिवारों से संपर्क कर यह पता किया कि वे अभी भी दिल्ली में हैं। ये सभी नौ लोग लुधियाना, पठानकोट, संगरूर और बरनाला जिले के निवासी हैं।
लुधियाना पुलिस आयुक्त राकेश अग्रवाल ने बताया, “लुधियाना के चार लोग कार्यक्रम में शामिल हुए थे और वे अभी तक लौटकर नहीं आए हैं। दिल्ली सरकार ने उन्हें पृथक सेवा में रखा है। हम उनके परिवारों से संपर्क कर उनपर निगरानी रखे हुए हैं।” संगरूर के उपायुक्त घनश्याम थोरी ने कहा कि धाद्रियां गांव का एक व्यक्ति कार्यक्रम में शामिल होने गया था। वह अब भी दिल्ली में है। हमने उसके परिवार को घर में पृथक रखा है। पठानकोट के उपायुक्त गुरप्रीत सिंह खैरा के मुताबिक पठानकोट से दो व्यक्ति तबलीगी जमात में शामिल हुए थे। वे अभी तक दिल्ली में हैं।