नई दिल्ली. लद्दाख में जारी विवाद के बीच गुरुवार को भारतीय सेना और चीनी पीएलए के बीच सुबह 10 बजे शुरू हुई मेजर जनरल रैंक की बातचीत खत्म हो गई है। बातचीष शाम साढ़े चार बजे खत्म हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बातचीत के काफी सकारात्मक नतीजे आए, लेकिन अभी भई कई मामलों पर तनाव बरकरार है।
भारत की तरफ से इम मीटिंग में त्रिशूल डिवीज़न के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट थे। हालांकि क्योंकि अभीतक disengagement के हालात नहीं दिखाई दे रहे हैं, इसलिए बातचीत का दौर जारी रहेगा। मिलिट्री लेवल के साथ-साथ डिप्लोमेटिक स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।
आपको बता दें कि गलवान घाटी में सोमवार की शाम भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे। इस झड़प में भारतीय सेना के लगभग 18 जवान गंभीर रूप से घायल हो गये थे। सूत्रों ने बताया कि गलवान घाटी के निकट दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता मंगलवार और बुधवार को बेनतीजा रही थी। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई थी। छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी।
चीन को कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह यथोचित जवाब देने में सक्षम है। साथ ही उन्होंने कहा था कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। पैंगोंग त्सो के किनारे दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच गत पांच मई से गलवान और पूर्वी लद्दाख के कुछ अन्य क्षेत्रों में गतिरोध बना हुआ है। गतिरोध शुरू होने के बाद से भारतीय सैन्य नेतृत्व ने फैसला किया था कि पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के सभी विवादित इलाकों में चीनी सैनिकों की किसी भी आक्रामक कार्रवाई से पूरी दृढ़ता के साथ निपटा जायेगा।
With inputs from Bhasha
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