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Hindi News भारत राष्ट्रीय लद्दाख विवाद: बातचीत की मेज से लेकर खूनी संघर्ष तक, जानिए बीते 1 महीने में कब क्या हुआ

लद्दाख विवाद: बातचीत की मेज से लेकर खूनी संघर्ष तक, जानिए बीते 1 महीने में कब क्या हुआ

आइए जानते हैं कि 20 मई को भारत चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत के बाद हालत कहां से कहां तक पहुंच गए।

<p>India China</p>- India TV Hindi Image Source : FILE India China

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात हुए खूनी संघर्ष से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। इस मुठभेड़ में भारत के कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हुए हैं। चीन की ओर से भी भारी नुकसान की खबर है। यह घटना तब सामने आई है जब भारत और चीन के बीच बातचीत का दौर चल रहा था। दोनों सेनाएं शांति बहाली और पीछे हटने के लिए तैयार थीं। कर्नल संतोष बाबू चीनी खेमे में बातचीत के लिए गए थे। लेकिन चीन ने धोखाधड़ी करते हुए कंटीले तारों, रॉड और पत्थरों से पहला कर दिया। 

गलवान घाटी में चीनी सेना की मौजूदगी मई के शुरुआत से दर्ज की जा रही थी। भारतीय सेना ने चीन की रणनीति को भांपते हुए अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ा दी थी। चीन की ओर से सिक्किम में भी घुसपैठ की बात सामने आई थी। लेकिन वहां मुद्दा बातचीत से सुलझा लिया गया था। लेकिन चीन की ओर से लद्दाख में लगातार मौजूदगी बढ़ाए जाने की खबरें आ रही थीं। इधर भारत ने भी अपनी उपस्थिति अग्रिम चौकियों पर बढ़ा दी थीं। आइए जानते हैं कि 20 मई को भारत चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत के बाद हालत कहां से कहां तक पहुंच गए। 

  • मई का पहला सप्ताह: भारत चीन के बीच लद्दाख में लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल यानि एलएसी पर चीनी सेना का जमावड़ा होने की खबर सामने आईं। 
  • 20 मई: विवाद को सुलझााने के लिए लोकल लेवल और ब्रिगेड कमांडर लेवल पर बातचीत का दौर शुरू हुऔ। इसके बाद दो मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हुई।
  • 2 जून : एक बार फिर से मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई। बातचीत में गतिरोध खत्म होने पर चर्चा की गई।
  • 3 जून: बातचीत पर सकारात्म रुख दिखाने के लिए चीन गलवान वैली से एक प्वाइंट पीछे हट गई।
  • 6 जून: पहली बार भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत हुई। इसमें उन बिंदु​ओं की पहचान की गई जिन पर सबसे ज्यादा विवाद है। चीन ने पैंगोंग त्सो एरिया से पीछे हटने की बात नहीं मानी। बातचीत में तय हुआ कि गलवान वैली और हॉट स्प्रिंग के इलाके से चीनी सेना धीरे धीरे पीछे हटेगी। 
  • 9 जून: गलवान वैली से चीन ने अपने सैनिक पीछे हटाने शुरू किए। 
  • 10 जून: एक बार गलवान वैली में मेजर जनरल स्तर की बैठक हुई। जिसमें गलवान और हॉट स्प्रिंग पर एक बार फिर बात हुई। 
  • 12 जून : मेजर जनरल मीटिंग में गतिरोध दूर करने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार हुआ। लेकिन पैंगोंग त्सो पर हालात जस के तस रहे। 
  • 15 जून: गलवान वैली और हॉट स्प्रिंग में ब्रिगेड कमांडर और लोकल कमांडर लेवल की मीटिंग हुई। 15 जून की रात में ही गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास हिंसक झड़प शुरू हुई। जिसमें कर्नल संतोष बाबू सहित दो सैनिक शहीद हो गए। 
  • 16 जून:  तनाव को देखते हुए चीन सेना के निवेदन पर सुबह 7.30 बजे एक बार फिर दोनों देशों के सीनियर मिलिट्री अफसरों के बीच बातचीत हुई। 

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