कर्नूल (आंध्र प्रदेश): आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले के देवरगट्टु में हर साल की तरह इस बार भी बन्नी उत्सव में खून-खराबा हुआ। लॉकडाउन और 144 सेक्शन लागू किए जाने के बाद भी श्रद्धालुओं पर इसका कोई असर नहीं हुआ। देवरगट्टु में पुलिस की चेतावनी और नियमों का उल्लंघन करते हुए लोगों ने एक दूसरों पर लाठियां बरसाई। लाठियों की पिटाई में 50 लोग घायल हो गए। बन्नी उत्सव लगभग एक लाख लोगों ने भाग लिया है। इसमें नेरिनिकी, सुलुवाई विरुपापुरम, अरिकेरी और एल्लार्ती गांव के लोगों ने माला मल्लेश्वरी मूर्ति को हासिल करने की जी जान कोशिश की। इस दौरान एक दूसरों पर बरसाई गई लाठियों में 50 लोग घायल हो गए।
बता दें कि हर साल दशहरे के बाद देवरगट्टु में बन्नी उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में देवरगट्टू के आसपास के 34 गांव के लोग भाग लेते हैं और माला मल्लेश्वरी मूर्ति को हासिल करने के लिए मशाल और लाठियों से एक दूसरों पर वार करते हैं। इस दौरान कई लोगों के सिर फूट जाते हैं और कभी-कभी लोगों की जान भी चली जाती है। यह उत्सव कई सालों से चल रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह एक परंपरा है।
कोरोना के चलते इस साल देवरगट्टु में बन्नी उत्सव को कैंसिल कर दिया गया। दो दिनों के लिए लॉकडाउन को भी लागू किया गया, साथ ही धारा 144 भी लागू किया गया। हजारों पुलिसकर्मी तैनात किए गए और कदम-कदम पर चौकियों की स्थापना की गई। बाहरी गांवों से किसी को भी देवरगट्टु में जाने की अनुमति नहीं दी गई। अधिकारियों ने बन्नी उत्सव को रोकने के लिए कड़े फैसले भी लिए लेकिन लोगों ने किसी की भी परवाह नहीं की और बन्नी उत्सव मनाया।
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