हरिद्वार: कोविड-19 को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले की अवधि 4 महीने से घटाकर 1 महीने कर दिया है। अब कुंभ मेला की अवधि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक रहेगी और तीन शाही स्नान साधु संत करेंगे। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने यह जानकारी दी। वैसे कुंभ मेला हरिद्वार में 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक होता है परंतु कोरोना के कारण कुंभ की अवधि को घटाकर 4 महीने की बजाय 1 महीने कर दिया गया है।
जल्दी ही इसकी अधिसूचना भी जारी हो जाएगी। बता दें कि महाकुंभ की एसओपी को लेकर कुछ व्यापारियों और संत समाज में रोष है। अब कुंभ केवल एक माह का होगा। मुख्य सचिव की ओर से इस बात की पुष्टि होने के बाद रोष और बढ़ सकता है।
वहीं कुंभ मेले के लिए राज्य सरकार द्वारा शाही स्नान की तिथियों को लेकर अधिसूचना जारी नहीं करने पर श्री गंगा सभा व तीर्थ पुरोहितों ने नाराजगी जताई हैं। श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने इस मसले पर राज्य सरकार से सवाल पूछा कि जब अन्य प्रदेशों में चुनावी रैलियां हो सकती हैं तो हरिद्वार में कुंभ करवाने में क्या परेशानी है। यहां संवाददाताओं से वार्ता करते हुए झा ने कहा कि इससे न केवल श्रद्धालु असमंजस में हैं बल्कि यहां के व्यापारी, होटल व्यवसायी भी परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार की आर्थिकी तो सिर्फ यात्रियों के आगमन पर निर्भर है और ऐसे में कोरोना के नाम पर डर फैलाया जाएगा तो यहां की आर्थिक स्थिति कैसे ठीक होगी। श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वाशिष्ठ ने कहा कि सरकार द्वारा अभी तक कुंभ की अधिसूचना न जारी किए जाने से लोग भ्रम की स्थिति में हैं और सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया भी स्प्ष्ट नहीं है।
इस बार कुंभ मेले में बिना रजिस्ट्रेशन और बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रवेश नहीं मिलेगा। वहीं, सामूहिक भजन गायन और भंडारे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यात्रियों को ऑनलाइन ही पास जारी किए जाएंगे। यात्री रजिस्ट्रेशन के लिए www.haridwarkumbhmela2021.com पर आवेदन कर सकते हैं।
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