नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के सारे निर्देशों का उलंघन करते हुए उनको सहायता पहुंचाने के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। गुरुवार को विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि पाकिस्तान कुलभुषण जाधव मामले में सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि कुलभूषण इस कदम के बाद पाकिस्तान के चेहरे से नकाब उतर गया है और सच सामने आ गया है। असल में पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले में कुछ करना ही नहीं चाहता।
जाधव (50) भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद, भारत ने जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया नहीं कराए जाने के खिलाफ और उनकी मौत की सजा को चुनौती देने के लिए हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया। आईसीजे ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि एवं सजा की प्रभावी समीक्षा करनी होगी और पुनर्विचार करना होगा, साथ ही बगैर किसी देर के भारत को राजनयिक स्तर पर उनसे संपर्क करने की भी इजाजत दी जाए।
पाक विदेश कार्यालय ने पिछले हफ्ते दावा किया कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों का जाधव से बेरोक-टोक और निर्बाध संपर्क मुहैया कराया गया। भारत की तरफ से कहा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत को भरोसा दिलाया था कि राजनयिक संपर्क बेरोक-टोक, निर्बाध और बिना किसी शर्त के होगा, लेकिन मुलाकात के लिए किए गए इंतजाम इस्लामाबाद द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुरूप नहीं थे।
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