मुंबई: कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात की खबरें न्यूज चैनलों पर आने के बाद जाधव के बचपन के एक मित्र ने इस बात पर निराशा जतायी कि परिवार को उन्हें गले लगाने तक का मौका नहीं दिया गया। जाधव और उनके परिवार की मुलाकात हुई लेकिन उनके बीच कांच की दीवार थी।
जाधव कथित रूप से जासूसी के मामले में पाकिस्तान में बंदी हैं और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है। तुलसीदास पवार मुंबई के परेल इलाके में रहते हैं और वह जाधव के बचपन के मित्र हैं। उन्होंने अपने घर में टीवी पर इस मुलाकात के दृश्यों को देखा जिनमें जाधव की मां अवंतिका तथा पत्नी चेतना शीशे के दूसरी ओर बैठी थीं।
पवार ने कहा, ‘‘क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक मां जिन्होंने अपने बेटे को आखिरी बार दो साल पहले देखा था, उन पर क्या बीती होगी जब उन्हें शीशे के पार से मिलने की अनुमति दी गयी और वह उन्हें छू भी नहीं सकती थीं।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों को मां को अपने बेटे को गले लगाने का मौका देना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जो किया (जाधव की मां और पत्नी को मिलने देने की अनुमति देकर), वह सिर्फ वैश्विक समुदाय को दिखाने के लिए है। जाधव की मां और पत्नी के साथ पाकिस्तानी अधिकारियों का व्यवहार ‘‘अस्वीकार्य’’ है।
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