नई दिल्ली: कथित 'जासूसी' के आरोप में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने से नाराज भारत ने फैसला किया कि वह उन एक दर्जन पाकिस्तानी कैदियों को रिहा नहीं करेगा जिन्हें बुधवार को उनके वतन भेजा जाना था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सरकार का मानना है कि पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने का यह सही समय नहीं है।
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जवाबी कार्रवाई उस समय हुई जब भारत ने स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान कानून और न्याय के मौलिक नियमों का पालन किए बिना' कुलभूषण को मौत की सजा देता है तो इसे 'सुनियोजित हत्या' कहा जाएगा। सूत्रों ने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान में सैन्य अदालत में जाधव की सुनवाई के बारे में कोई सुराग नहीं है और उसे लगता है कि यह जाधव को पकड़ने से लेकर कथित कबूलनामे तथा तथाकथित सुनवाई तक का 'सुनियोजित नाटक' है।
सूत्रों ने कहा कि भारत द्वारा पाकिस्तानी अधिकारियों को बार-बार आगाह करने के बावजूद उसके अधिकारियों को उससे कभी मिलने नहीं दिया गया।
रावलपिंडी में सेना की मीडिया शाखा ने कहा कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा जाधव (46) को 'सभी आरोपों का' दोषी पाए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा द्वारा उनकी मौत की सजा की पुष्टि की गई।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और कड़े शब्दों वाला पत्र जारी किया।
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