मथुरा: द्वापर युग में पांच हजार से भी अधिक वर्षों पूर्व मथुरा के तत्कालीन राजा कंस के कारागार में माता देवकी के गर्भ से जन्म लेने वाले भगवान श्रीकृष्ण मंगलवार की मध्य रात्रि एक बार फिर मथुरा में उससे भी कड़े पहरे में जन्म लेंगे।
जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगई ने बताया कि जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान, ठा. द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन के ठा. बांकेबिहारी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, बरसाना के लाडिली जी और गोवर्धन के दानघाटी आदि मंदिरों व उसके आसपास सुरक्षा के लिए पांच हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, मथुरा आने वाले हर श्रद्धालु की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। या यूं समझ लीजिए कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मथुरा के चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवानों को तैनात किया जा रहा है। उन्होंने बताया, मथुरा की ओर आने वाले हर मार्ग पर वाहनों की तलाशी तथा सार्वजनिक स्थलों पर दिखाई देने वाले संदिग्ध्य व्यक्तियों की निगहबानी की जा रही है। पांच दर्जन स्थानों पर नाकेबंदी की गई है।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन अजय कुमार अवस्थी एवं अपर पुलिस अधीक्षक नगर श्रवण कुमार सिंह ने बताया, चाक-चैबंद सुरक्षा के लिए आगरा जोन के अलावा अन्य जनपदों से भी पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों को बुलाया गया है। शहर को रेड जोन, यलो जोन, ग्रीन जोन और 16 सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा प्लान तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया, जन्मभूमि पर तैनात पुलिस, सीआरपीएफ, पीएसी के अतिरिक्त 12 कंपनी अर्द्ध सैनिक बल और दस कंपनी पीएसी भी मथुरा के लिए आवंटित हो गई है। इसके अलावा एक हजार पुलिस के जवान भी अन्य जिलों से सुरक्षा के लिए आ रहे हैं।
उन्होंने बताया, चूंकि गतवर्ष गोविन्द नगर द्वार के समीप बिजली के एक खंभे से नीचे आ रहे तार से एक श्रद्धालु की करण्ट लगने से मौत हो गई थी इसलिए विद्युत विभाग के अधिकारियों को सभी खंभों को पूरी तरह से इंसुलेट करने की ताकीद कर दी गई है। जिस पर काम चालू है।
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