नई दिल्ली: महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में बारिश का कहर झेल रहे चिपलुन शहर में कोंकण रेलवे (केआर) लाइन पर क्षतिग्रस्त एक पटरी की मरम्मत के बाद रेल यातायात एक बार फिर से चालू हो गया है। मूसलाधार बारिश और उसके बाद बाढ़ आने से चिपलुन और कामथे सेक्शन के बीच कई जगहों पर रेल की पटरियों के नीचे के रोड़े तथा तटबंध बह गए थे। वशिष्ठी नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के बाद एतहियाती कदम के तौर पर बृहस्पतिवार तड़के से चिपलुन और कामथे सेक्शन के बीच यातायात रोक दिया था। इसके बाद विभिन्न स्टेशनों पर कई ट्रेनों को रोका गया।
दादर-सावंतवाड़ी रोड दैनिक विशेष ट्रेन बृहस्पतिवार सुबह से ही चिपलुन स्टेशन पर खड़ी थी रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, जब बाढ़ चरम पर थी तो पानी रेलवे के एक पुल तक पहुंच गया था और पुल के डूबने की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी थी। एक अधिकारी ने बताया कि पटरी को कई नुकसान नहीं पहुंचा है लेकिन बाढ़ के पानी की तीव्रता के कारण कई स्थानों पर पटरियों के नीचे रोड़ें और तटबंध बह गए थे। उन्होंने बताया कि रेलवे लाइन की मरम्मत की गयी है।
कोंकण रेलवे का रास्ता 756 किलोमीटर लंबा है और इस पर ट्रेनें मुंबई के समीप रोहा से लेकर मेंगलुरु के समीप ठोकुर तक चलती हैं। यह मार्ग तीन राज्यों महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक तक फैला है और कई चुनौतीपूर्ण रास्तों से गुजरता है जिसमें कई नदियां, खाई और पर्वत हैं।
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