सारदा चिटफंड मामला: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राजीव कुमार को गिरफ्तारी से राहत दी
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सारदा चिटफंड घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल सीआईडी के अतिरिक्त निदेशक राजीव कुमार को 10 जुलाई तक गिरफ्तारी और किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से गुरुवार को संरक्षण प्रदान किया।
कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सारदा चिटफंड घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल सीआईडी के अतिरिक्त निदेशक राजीव कुमार को 10 जुलाई तक गिरफ्तारी और किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से गुरुवार को संरक्षण प्रदान किया। उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने 10 जून से एक महीने के लिये उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया और कुमार को आदेश दिये जाने के 24 घंटे के भीतर अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा। गौरतलब है कि गर्मी की छुट्टियों के बाद 10 जून को अदालत खुलेगी।
कोलकाता के पूर्व पुलिस प्रमुख को करोड़ों रुपये के चिटफंड मामले में सीबीआई जांच में सहयोग करने को कहा गया है। अदालत ने जांच एजेंसी से कहा कि वह एक विशेष अधिकारी को प्रतिदिन शाम चार बजे कुमार के आवास उनकी हाजिरी दर्ज करने के लिये भेजे। न्यायमूर्ति प्रतीक प्रकाश बनर्जी ने कहा कि याचिकाकर्ता ग्रीष्मावकाश के बाद 12 जून को अदालत के दोबारा खुलने पर नियमित पीठ के समक्ष उपस्थित होगा।
कुमार ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने सीबीआई के उस नोटिस को रद्द करने की मांग की जिसमें सारदा चिटफंड घोटाला मामले में उन पर तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कुमार को एक नोटिस भेजकर उनसे जांच में सहायता के लिये एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने को कहा था। कुमार के वकील सुदीप्तो मोइत्रा ने अदालत से कहा कि सीबीआई चिटफंड घोटाले के सिलसिले में बिना उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किये उन्हें सलाखों के पीछे डालना चाहती है।
मोइत्रा ने कहा कि सीबीआई ने शिलॉन्ग में 39 घंटे 45 मिनट तक पूछताछ की थी और अब ‘‘बदले की भावना’’ से उन्हें हिरासत में लेना चाहती है। सीबीआई के वकील वाई जे दस्तूर ने अदालत के समक्ष कहा कि कुमार एजेंसी द्वारा पूछे गए सवालों से बचते रहे हैं।कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त कुमार को लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी नीत सरकार ने एडीजी, सीआईडी नियुक्त किया था।
हालांकि, चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग ने उन्हें पद से हटा दिया और नई दिल्ली में गृह मंत्रालय से संबद्ध कर दिया गया। राज्य सरकार ने आचार संहिता वापस लिये जाने के बाद उन्हें फिर से उनके पद पर बहाल किया था। उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तारी से कुमार को मिले संरक्षण को बढ़ाने से मना कर दिया था। न्यायालय ने कुमार से कहा था कि मामले में राहत के लिये वह कलकत्ता उच्च न्यायालय या निचली अदालत के पास जा सकते हैं।