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Hindi News भारत राष्ट्रीय कांस्टेबल से DGP तक: ऐसे समझिए पुलिस महकमे का रैंकिंग सिस्टम

कांस्टेबल से DGP तक: ऐसे समझिए पुलिस महकमे का रैंकिंग सिस्टम

पुलिस महकमे में पद के हिसाब से तमाम सुख-सुविधाएं दी जाती हैं। मसलन गाड़ी, बंगला, सुरक्षा गार्ड और न जाने क्या क्या। कुछ सुविधाएं ऐसी होती है जिन्हें देख लोगों का मन करता है कि काश उनके पास भी ऐसी किस्मत होती।

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नई दिल्ली: पुलिस महकमे में पद के हिसाब से तमाम सुख-सुविधाएं दी जाती हैं। मसलन गाड़ी, बंगला, सुरक्षा गार्ड और न जाने क्या क्या। कुछ सुविधाएं ऐसी होती है जिन्हें देख लोगों का मन करता है कि काश उनके पास भी ऐसी किस्मत होती। आज हम आपको पुलिस विभाग से जुड़ी वो तमाम जानकारियां देंगे जिन्हें आप जानना चाहते हैं। हम सबसे पहले आपको बताना चाहेंगे कि पुलिस विभाग में सबसे वरिष्ठतम अधिकारियों की गाड़ी में स्टार लगे होते हैं। आप इन स्टार को देखकर ही अंदाज लगा सकते हैं कि गाड़ी के भीतर बैठा शख्स पुलिस का कितना बड़ा अधिकारी है।

 

तीन स्टार- इसका मतलब यह हुआ कि गाड़ी के भीतर बैठा  शख्स डीजीपी है। डीजीपी पुलिस महकमे का सर्वोच्च अधिकारी होता है। डीजीपी को कहीं कहीं कमिश्नर ऑफ पुलिस यानी सीपी भी कहा जाता है।

दो स्टार- अगर किसी व्यक्ति की गाड़ी में दो स्टार लगे हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि गाड़ी में बैठा व्यक्ति आईजी रैंक का अधिकारी है। इसका स्थान डीजीपी के बाद आता है। आईजी को कुछ कुछ जगहों पर एसीपी असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस भी कहा जाता है।

एक स्टार- सरकारी गाड़ी में अगर एक स्टार लगा हुआ है तो वह गाड़ी डीआईजी की होगी। इस रैंक के अधिकारी को कहीं कहीं जेसीपी यानी ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस भी कहा जाता है।

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