Lockdown 3.0: श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए कैसे होगा रजिस्ट्रेशन, कैसे मिलेगी टिकट, रेलवे ने जारी किए नियम
आइए जानते हैं कि इन ट्रेनों के लिए कैसे रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है, कैसे टिकट मिलेगी, कौन खाना देगा, इन सभी सवालों के जवाब।
कोरोना वायरस संकट के चलते देश भर में पिछले 40 दिनों से लॉकडाउन जारी है। इस बीच देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लाखों मजदूरों को अपने घरों तक वापस लाने के लिए रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की हैं। पहली ट्रेन तेलंगाना से झारखंड के हटिया के बीच चलाई गई थी। इसके बाद से कई ट्रेनें चलाई गई हैं। इन ट्रेनों में सीमित संख्या में लोगों को सफर करने की अनुमति दी जा रही है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए रविवार को रेलवे ने दिशा निर्देश जारी किए हैं। आइए जानते हैं कि इन ट्रेनों के लिए कैसे रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है, कैसे टिकट मिलेगी, कौन खाना देगा, इन सभी सवालों के जवाब।
कितनी दूरी की होंगी ये ट्रेनें
रेलवे ने जो गाइडलाइंस जारी की हैं उसमें बताया गया है कि 500 किमी. से ज्यादा दूरी वाले गंतव्यों के लिए रेलवे द्वारा ट्रेन चलाई जाएगी। ट्रेनों का संचालन ट्रेन आरंभ होने और गंतव्य स्टेशन वाले दोनों राज्यों की अनुमति के बाद ही किया जाएगा। ये ट्रेनें नॉनस्टॉप होंगी, सिर्फ टेक्निकल हॉल्ट की ही अनुमति होगी। एक ट्रेन में (मिडिल बर्थ को छोड़कर) करीब 1200 लोग सफर कर सकते हैं।' जिस राज्य से यात्रा प्रारम्भ होगी वहां की सरकार को यात्रियों का समूह तैयार करना होगा। ट्रेन में यात्रियों की संख्या क्षमता से 90 फीसदी से कम नहीं हो सकती है।
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
ट्रेन में सफर करवाने के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होगी। रेलवे के दिशा निर्देशों के अनुसार इसके लिए राज्यों को नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। कई राज्यों में नोडल अधिकारियों और कॉल सेंटर की व्यवस्था की है। मजदूर अपने पास के पुलिस थाने में जाकर अपने रजिस्ट्रेशन की अर्जी दे सकते हैं। वहीं यूपी ने यात्रियों के लिए upcovid19help@gmail.com, Polacademy@up.nic.in पर मेल करने की सुविधा प्रदान की है। इसके साथ ही कुछ राज्यों ने घर वापसी के लिए वेबसाइट भी शुरू की हैं।
यात्री को देना होगा किराया
रेलवे की गाइडलाइन के अनुसार रेलवे सभी यात्रियों की टिकट स्थानीय राज्य सरकार को देगी। राज्य सरकार यात्रियों को टिकट सौंपेगी। रेलवे दिए गए गंतव्य के लिए टिकट प्रिंट करेगी और स्थानीय राज्य सरकार प्रशासन को सौंप दिया जाएगा। यात्रा का किराया यात्रियों से ही वसूल किया जाएगा। इसके साथ ही यात्रा जहां से शुरू होनी है वहां की सरकार को यात्रियों के स्टेशन में आने और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा। अव्यवस्था की स्थिति में ट्रेन कैंसिल भी की जा सकती है।
खाना और पानी का इंतजाम
जिस राज्य से यात्रा की शुरुआत होगी उस राज्य सरकार को खाने के पैकेट्स और पीने के पानी का भी इंतजाम करना होगा। यदि यात्रा 12 घंटे से अधिक के लिए होगी तो एक समय का खाना रेलवे की ओर से दिया जाएगा। सभी यात्रियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। प्रशासन को सभी यात्रियों को इसकी जानकारी देनी है। साथ ही यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
गंतव्य स्टेशन पर वहां की सरकार संभालेगी जिम्मा
गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद वहां की राज्य सरकार यात्रियों को रिसीव करेगी। स्थानीय प्रशासन को स्क्रीनिंग, क्वारंटाइन और आगे की यात्रा आदि की व्यवस्था करनी होगी। वहां सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।