संसद मार्च के लिये देशभर से दिल्ली पहुंचने लगे किसानों के समूह, किया जा सकता है ट्रैफिक डाइवर्जन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा 29 और 30 नवंबर को आहूत संसद मार्च को वाम दलों सहित 21 राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है।
नयी दिल्ली: किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने और कृषि उत्पाद लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया कराने की मांग को लेकर लगभग 200 किसान संगठनों के आह्वान पर आज से आयोजित आंदोलन के लिये किसानों का दिल्ली का पहुंचना शुरू हो गया है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा 29 और 30 नवंबर को आहूत संसद मार्च को वाम दलों सहित 21 राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है। समिति के संयोजक हन्नान मोल्लाह ने बुधवार को यहां बताया कि गुरुवार को रामलीला मैदान में एकत्र होने के लिये किसानों के समूह दिल्ली पहुंचने लगे हैं।
उन्होंने बताया कि मेघालय, जम्मू कश्मीर, गुजरात और केरल सहित देश के विभिन्न राज्यों से किसानों के समूह सड़क और रेल मार्ग से दिल्ली और आसपास के इलाकों में एकत्र होने लगे हैं। मोल्लाह ने इसे अब तक का सबसे बड़ा किसान आंदोलन होने का दावा करते हुये कहा कि गुरुवार को रामलीला मैदान में किसान सभा के आयोजन के बाद शुक्रवार को किसानों का हुजूम रामलीला मैदान से संसद मार्च करेगा।
इससे पहले आज सुबह दिल्ली के प्रवेश मार्गों से रामलीला मैदान तक किसान मार्च के लिये बिजवासन, मजनूं का टीला, निजामुद्दीन, आनंद विहार पर सभी किसान एकत्र होंगे। बिजवासन से किसान मुक्ति यात्रा शुरू होकर लिंक रोड, एनएन-8, सरदार पटेल मार्ग, मदर टेरेसा क्रिसेंट, तालकटोरा और कनॉट प्लेस से होते हुए रात को रामलीला मैदान पहुंचेगी। इस यात्रा में 8 से 10 हजार के करीब किसानों के शामिल होने की संभावना है।
हालांकि आयोजकों ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रैफिक पर ज्यादा असर ना पड़े, फिर भी ट्रैफिक पुलिस ने सुबह के वक्त साउथ दिल्ली में एनच-8 और बिजवासन बॉर्डर के आस-पास के रास्तों पर, दोपहर में सरदार पटेल मार्ग और उसके आस-पास के इलाकों में और शाम के वक्त कनॉट प्लेस और रामलीला मैदान के आस-पास ट्रैफिक डिस्टर्ब होने की संभावना जताई है। जरूरत पड़ने पर ट्रैफिक डाइवर्जन भी किया जा सकता है।
अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव अतुल कुमार अंजान ने बताया कि शुक्रवार को संसद मार्ग पर आयोजित किसान सभा में आंदोलन का समर्थन कर रहे विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शिरकत करेंगे। इनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है। अंजान ने बताया कि शुक्रवार को दो सत्रों में आयोजित किसान सभा के पहले सत्र में किसान नेता आंदोलन के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके बाद दूसरे सत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता किसानों को संबोधित करेंगे।