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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसान आंदोलन: किसान नेता बोले- ट्रैक्टर मार्च अभी रद्द नहीं हुआ, राकेश टिकैत ने किया ये ट्वीट

किसान आंदोलन: किसान नेता बोले- ट्रैक्टर मार्च अभी रद्द नहीं हुआ, राकेश टिकैत ने किया ये ट्वीट

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि- 'आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है। किसान न इस बात को भूलेगा और न ही हुकूमत को भूलने देगा।'

किसान आंदोलन: ट्रैक्टर मार्च अभी रद्द नहीं हुआ, राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कही ये बड़ी कहा- India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO किसान आंदोलन: ट्रैक्टर मार्च अभी रद्द नहीं हुआ, राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कही ये बड़ी कहा

Highlights

  • 22 को लखनऊ रैली, 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के 1 साल पूरे होने पर जश्न मनाएंगे और 29 को ट्रैक्टर मार्च होगा- दर्शन पाल
  • 'आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है। किसान न इस बात को भूलेगा और न ही हुकूमत को भूलने देगा'
  • मीटिंग में किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा

नयी दिल्ली: आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक प्रस्तावित दैनिक ट्रैक्टर मार्च को अभी रद्द नहीं किया गया है और इस बारे में अंतिम फैसला तथा किसान आंदोलन की आगे की रूपरेखा के बारे में निर्णय रविवार को एक बैठक में लिया जाएगा। किसान नेताओं ने शनिवार को यह जानकारी दी। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि 22 तारीख को लखनऊ की रैली को कामयाब करना है। अगर लखीमपुर खीरी में हमारे साथियों को परेशान करने की कोशिश की जाती है तो फिर हम लखीमपुर खीरी इलाके में आंदोलन चलाएंगे। आज की बैठक में फैसला लिया गया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं वो जारी रहेंगे। 22 को लखनऊ रैली, 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा और 29 को ट्रैक्टर मार्च (संसद तक) होगा। आंदोलन जारी रहेगा।  

आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है- राकेश टिकैत

वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार पर एक बार फिर से हमला बोला है। राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि- 'आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है। किसान न इस बात को भूलेगा और न ही हुकूमत को भूलने देगा।' बता दें कि, इससे पहले शुक्रवार को राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों के वापस होने के बावजूद दिल्ली के बार्डर नहीं खाली करने की बात कही थी। सिंघू बॉर्डर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए बोला है तो वो इसको कब तक वापस लेंगे इसके बारे में कुछ ठोस नहीं है। MSP पर अभी कोई ठोस बात नहीं हुई है और जो मामले किसानों पर दर्ज़ हुए हैं उनको भी वापस लेना चाहिए।

29 नवंबर से शुरू हो रहा है संसद का शीतकाली सत्र

किसान संगठनों के संघ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के एक साल पूरा होने के मौके पर 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान रोजाना संसद तक 500 किसान शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च में भाग लेंगे। बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को घोषणा की थी कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी और इस तरह सरकार ने किसानों की मांग को मान लिया। एसकेएम ने प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत किया लेकिन कहा कि वे इस घोषणा के संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रभाव में आने तक की प्रतीक्षा करेंगे। उसने यह संकेत भी दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक गारंटी और विद्युत संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग के लिए उसका आंदोलन जारी रहेगा। 

एसकेएम की कोर समिति की रविवार को बैठक में होगा फैसला

किसान नेता और एसकेएम की कोर कमेटी के सदस्य दर्शन पाल ने शनिवार को कहा, ‘‘संसद तक ट्रैक्टर मार्च का हमारा आह्वान अभी तक कायम है। आंदोलन की भावी रूपरेखा और एमएसपी के मुद्दों पर अंतिम फैसला रविवार को सिंघू बॉर्डर पर एसकेएम की बैठक में लिया जाएगा।’’ किसान नेता तथा भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने टिकरी बॉर्डर पर कहा कि ट्रैक्टर मार्च का फैसला अभी तक वापस नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘एसकेएम संसद तक ट्रैक्टर ट्रॉली मार्च पर फैसला लेगा। अभी तक इसे वापस लेने का कोई निर्णय नहीं हुआ है। एसकेएम की कोर समिति की बैठक के बाद रविवार को फैसला हो सकता है।’’ 

केंद्र सरकार को सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए- जोगिंदर सिंह उगराहां 

उगराहां ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार संसद में इन कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त नहीं कर देती तब तक किसान टिकरी और दिल्ली की अन्य सीमाओं पर बैठे रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की शुक्रवार की घोषणा के बाद अनेक किसान संघ खेती के मुद्दों पर तथा भावी रणनीति पर विचार करने के लिए अलग-अलग बैठक कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन किसान संघों के प्रतिनिधि कल एसकेएम की बैठक में भाग लेंगे।’’ जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि केंद्र सरकार को सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए। गौरतलब है कि 26 जनवरी को राजधानी में प्रदर्शनकारियों की ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रूप ले लिया था जो लाल किले में घुस गये थे और वहां धार्मिक ध्वज फहराया गया। 

किसान कृषि कानूनों पर केंद्र पर भरोसा नहीं कर सकते- सुदेश गोयत

टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान नेता तथा एसकेएम की सदस्य सुदेश गोयत ने कहा, ‘‘किसान कृषि कानूनों पर केंद्र पर भरोसा नहीं कर सकते क्योंकि पहले भी उन्होंने एक रैंक-एक पेंशन देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक नहीं दी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने तय किया है कि संसद में इन कानूनों के औपचारिक रूप से वापस लिये जाने तक हम यह जगह नहीं छोड़ेंगे। आंदोलन को एक साल पूरा होने के मौके पर 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की आमद जारी रहेगी।’’ गोयत ने भी कहा कि अभी तक ट्रैक्टर मार्च को रद्द करने का कोई फैसला नहीं हुआ है। 

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