किसान आंदोलन LIVE: सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई, कृषि विशेषज्ञ पी साईनाथ होंगे शामिल
बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये वह एक समिति गठित कर सकता है क्योंकि ‘‘यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।’’
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसान संगठनों और केंद्र सरकार की बीच हुई अबतक की बातचीत में कोई समाधान नहीं निकला है। बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये वह एक समिति गठित कर सकता है क्योंकि ‘‘यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।’’ उधर, सरकार की ओर से बातचीत का नेतृत्व कर रहे केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर जारी आंदोलन सिर्फ एक राज्य तक सीमित है और पंजाब के किसानों को विपक्ष ‘गुमराह’ कर रहा है। हालांकि, उन्होंने आशा जतायी कि इस गतिरोध का जल्दी ही समाधान निकलेगा। वहीं, प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों का कहना है कि नए कृषि कानूनों पर समझौते के लिए नए पैनल का गठन कोई समाधान नहीं है, क्योंकि उनकी मांग कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की है। किसान आंदोलन से जुड़ी तमाम खबरों के अपडेट्स आप हमारे इस पेज पर पा सकेंगे।
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Live updates : Kisan 17 December Live
- December 17, 2020 1:15 PM (IST) Posted by Yashveer Singh
- December 17, 2020 11:23 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात
- December 17, 2020 10:32 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सुप्रीम कोर्ट में आज किसानों को बॉर्डर से हटाने की याचिका पर सुनवाई होनी है। भारतीय किसान यूनियन दोआबा के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह ने बताया, "अभी तक हमें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई नोटिस नहीं आया है।"
- December 17, 2020 9:50 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
सिंघु बॉर्डर- कुछ किसानों ने बढ़ती ठंड से बचने के लिए गैस हीटर लगाए हैं
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बढ़ती ठंड से बचने के लिए गैस हीटर लगाए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "लोग लकड़ी जलाकर अपना काम चला रहे हैं। किसान नेताओं ने कुछ हीटर मंगाए हैं लेकिन ये गैस से चलते हैं, इनमें खर्चा है।" #FarmersProtests
- December 17, 2020 8:36 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमने सरकार से ये कानून नहीं मांगे थे, हम सरकार से मांगते हैं कि हमारी फसल का दाम बढ़ाओ, वो बढ़ाते नहीं हैं।" #FarmersProtest
- December 17, 2020 7:59 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
किसानों को गुमराह कर रहा है विपक्ष: स्वतंत्र देव सिंह
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बुधवार को विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार छह साल से किसानों के जीवन को समृद्ध, उन्नत बनाने और अन्नदाताओं को कृषि के क्षेत्र में अत्यधिक लाभ प्राप्त हो सके इस दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए भ्रष्टाचार के नए-नए कीर्तिमान बनाये जिससे देश का अन्नदाता हताश व परेशान रहा। वहीं नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा की केन्द्र सरकार पिछले छह साल से लगातार किसानों के हित में कार्य करते हुए ऐतिहासिक फैसले ले रही है।
- December 17, 2020 7:58 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
न्यायालय ने गतिरोध दूर करने के वास्ते समिति बनाने की बात कही
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को संकेत दिया कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये वह एक समिति गठित कर सकता है क्योंकि ‘‘यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।’’ उधर, सरकार की ओर से बातचीत का नेतृत्व कर रहे केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर जारी आंदोलन सिर्फ एक राज्य तक सीमित है और पंजाब के किसानों को विपक्ष ‘गुमराह’ कर रहा है। हालांकि, उन्होंने आशा जतायी कि इस गतिरोध का जल्दी ही समाधान निकलेगा।
- December 17, 2020 7:58 AM (IST) Posted by Yashveer Singh
सामाजिक कार्यकर्ता ने किसानों एवं सरकार के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव पेश किया
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता पी वी राजगोपाल ने केन्द्र सरकार और नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव बुधवार को पेश किया और कहा कि वह किसानों के समर्थन में मुरैना से दिल्ली के लिए बृहस्पतिवार को पदयात्रा शुरू करेंगे। नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हजारों किसान पिछले 21 दिनों से दिल्ली के कई बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। राजगोपाल एकता परिषद के प्रमुख हैं। राजगोपाल ने ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘हालांकि, किसी ने मुझे मध्यस्थता के लिए कहा नहीं है, लेकिन पिछले 20 दिन से किसान ठंड में बैठे हैं और इस मामले में संवाद शुरू करने की जरूरत है। ’’