कृषि कानून: किसानों की 4 में से 2 मांगों पर सहमती बनी, 4 जनवरी को होगी अगली बैठक
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच किसान नेताओं और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है। अगली बैठक 4 जनवरी को होगी।
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच 5 घंटे चली बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिहं तोमर ने कहा कि किसानों की चार में से 2 मांगों पर रजामंदी हो गई है। पराली और बिजली पर सरकार ने किसानों की बात मान ली है। उन्होंने कहा कि MSP जारी रहेगी इस पर सरकार लिखित में देने को तैयार है। कृषि कानून और MSP पर बातचीत जारी रहेगी। साथ ही तोमर ने कहा कि पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई नहीं होगी।
4 जनवरी को होगी अगली बैठक
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच किसान नेताओं और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है। अगली बैठक 4 जनवरी को होगी। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच करीब 5 घंटे बैठक हुई। बैठक में नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों की मांगों पर सरकार ने कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा। किसान नेताओं से सरकार ने बैठक के दौरान कहा कि कमेटी एमएसपी समेत सभी मुद्दे पर विचार करे। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल मौजूद रहे।
सरकार का कृषि कानूनों को वापस लेने का इरादा नहीं- सूत्र
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में फिर सरकार के मंत्रियों की तरफ से किसानों को साफ कहा गया है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का कोई इरादा नहीं है। सरकार ने ये भी साफ किया है कि जब तक आप लोग आंदोलन वापस करने का फैसला नहीं करते तब तक सरकार किसी भी सुधार को लेकर आश्वासन नहीं दे सकती। एमएसपी को लेकर किसानों की मांग पर विचार तभी संभव है, जब आंदोलन खत्म करने पर किसान फैसला लें।
बता दें कि छठे दौर की वार्ता 9 दिसंबर को होनी थी। लेकिन इससे पहले गृह मंत्री शाह और किसान संगठनों के कुछ नेताओं के बीच अनौपचारिक बैठक में कोई सफलता नहीं मिलने पर इसे रद्द कर दिया गया था। सरकार को उम्मीद है कि इस छठे दौर की बातचीत के बेहतर परिणाम सामने आएंगे और इस समस्या का एक बेहतर समाधान निकल सकता है और किसान अपना आंदोलन समाप्त करने को राजी होंगे। लेकिन प्रदर्शनकारी किसान संगठनों का मूड देखकर ऐसा लगता नहीं है। किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं।
वार्ता से एक दिन पहले किसानों ने केंद्र को लिखा पत्र, अपना एजेंडा किया स्पष्ट
किसान संगठनों ने बैठक से एक दिन पहले सरकार को पत्र लिखकर अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है। किसानों ने इस पत्र में कहा कि चर्चा केवल तीन कानूनों को निरस्त करने के तौर.तरीकों एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी की वैध गारंटी देने पर ही होगी।
पत्र में सरकार से की ये 4 मांगें
चालीस किसान यूनियन का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को लिखे पत्र में कहा कि चर्चा केवल तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर तरीकों एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने पर ही होगी। इसमें आगे कहा गया कि बैठक के एजेंडे में एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश में संशोधन को शामिल किया जाना चाहिये ताकि किसानों को दंडात्मक प्रावधानों से बाहर रखा जा सके।
स्वीकारा बैठक का आमंत्रण
पत्र के जरिए मोर्चा ने वार्ता के लिए सरकार के आमंत्रण को औपचारिक रूप से स्वीकार किया है। किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल को लिखे पत्र में कहा कि बैठक के लिए हमारी ओर से भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए आपका धन्यवाद। 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे बातचीत के लिए आपका निमंत्रण हमें स्वीकार है।
स्थगित किया ट्रेक्टर मार्च
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने बुधवार को सरकार के साथ होने वाली बातचीत के मद्देनजर अपना प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च गुरुवार तक स्थगित कर दिया है। किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के साथ अगले दौर की बातचीत के लिए सहमति जताईए हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर.तरीके पर चर्चा करने को बातचीत के एजेंडे में शामिल किया जाना चाहिए।
शाह से मिले गोयल और तोमर
केंद्र और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने इस बैठक में इस बारे में चर्चा की कि किसानों के साथ होने वाली वार्ता में सरकार का क्या रुख रहेगा। कृषि मंत्री तोमरए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसानों के साथ वार्ता में केंद्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
सरकार को गतिरोध दूर होने की उम्मीद
कृषि मंत्री तोमर ने सोमवार को कहा था कि उन्हें गतिरोध के जल्द दूर होने की उम्मीद है। केंद्र ने सोमवार को आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों को सभी प्रासंगिक मुद्दों का तार्किक हल खोजने के लिए 30 दिसंबर को अगले दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया लेकिन किसान यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को केंद्र को लिखे पत्र में कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के तौर.तरीकों और न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का मुद्दा वार्ता के एजेंडे का हिस्सा होना ही चाहिए।