Kisan Andolan: सरकार से बातचीत के लिए किसान संगठनों की नई शर्तें, कहा- इसके बिना बातचीत नहीं
सयुंक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने फैसला किया है कि जब तक पुलिस और प्रशासन द्वारा किसानों के आंदोलन के खिलाफ विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न को तुरंत नहीं रोका जाता है, तब तक सरकार के साथ कोई औपचारिक बातचीत नहीं हो सकती है।
नई दिल्ली. दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन जारी है। गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद भी सरकार और किसान संगठनों ने बातचीत को लेकर रजामंदी जताई है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ किया है कि अगर पुलिस और प्रशासन तुरंत किसानों का उत्पीड़न नहीं रोकेगा तो सरकार के साथ औपचारिक बातचीत नहीं की जा सकती। संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार की बैठक के बाद बयान जारी कर कहा कि सयुंक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने फैसला किया है कि जब तक पुलिस और प्रशासन द्वारा किसानों के आंदोलन के खिलाफ विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न को तुरंत नहीं रोका जाता है, तब तक सरकार के साथ कोई औपचारिक बातचीत नहीं हो सकती है।
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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार विभिन्न राज्यों में चल रहे विरोध की बढ़ती ताकत से बेहद भयभीत है। SKM ने प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी और किसानों के वाहनों को जब्त करने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों लोगों के लापता होने की सूचना है और यह हमारे लिए बहुत चिंता का विषय है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि अधिक लोग शामिल न हों, मोर्चा के समन्वित कामकाज में परेशानी हो, हिंसा की छवियां पेश हो ताकि आम लोग इस आंदोलन से दूर रहें और मनगढ़ंत आरोपों और गिरफ्तारी के माध्यम से प्रदर्शनकारियों पर नकेल कस सके। वहीं असल अपराधी बिना किसी गिरफ्तारी या कठोर कार्रवाई के बाहर है, जो यह साबित करता है कि सरकार किसानों के आंदोलन को खत्म करना चाहती है।
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किसान संगठनों की आगे की रणनीति और शर्तें
- सरकार की ओर से बातचीत का कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं आया, लेकिन हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि वार्ता उन सब किसानों की बिना शर्त रिहाई के बाद ही होगी जो अवैध रूप से पुलिस हिरासत में हैं। आज दिल्ली पुलिस ने 122 आंदोलनकारियों की सूची जारी की है जिन्हें पुलिस हिरासत में लिया गया था। हम उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। हम उन पत्रकारों पर हमलों और गिरफ्तारी की भी निंदा करते हैं जो लगातार आंदोलन को कवर कर रहे हैं।
- पूरे देश में 6 फरवरी को दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच सभी राजमार्गों पर चक्का जाम किया जाएगा।
- लगातार इंटरनेट बंद होने के साथ, हम किसान आंदोलन से संबंधित कई ट्विटर एकाउंट को बंद करने की सरकार कोशिश की कड़ी निंदा करते हैं। इन एकाउंट को बंद करना, जो सरकार के झूठे प्रचार से निपटने और जनता को वास्तविक जानकारी देने के उद्देश्य से चल रहे हैं, लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
- कई सीमाओं पर, पुलिस अपने बैरिकेड्स को मजबूत कर रही है। पुलिस बल सड़क पर सीमेंटेड बैरिकेड्स, कांटेदार तार की बाड़ और खड्डों के साथ सड़कों को अवरुद्ध कर रहे हैं। एक तरफ, प्रधान मंत्री कहते हैं कि समाधान केवल एक कॉल दूर है, लेकिन दूसरी तरफ सरकार विरोध स्थलों को बंद करने, सुविधाओं में कटौती करने और जनता को असुविधा करने की पूरी कोशिश कर रही है।
- एसकेएम द्वारा अलग-अलग राज्यों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक कानूनी टीम का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व एड प्रेम सिंह भंगू कर रहे है। यह कमेटी अब लापता व्यक्तियों, गिरफ्तार व्यक्तियों और जब्त वाहनों के मामले को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाएगी।