नई दिल्ली. तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच विवाद को सुलझाने के लिए आठवें दौर की औपचारिक वार्ता से महज कुछ घंटे पहले केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने उम्मीद जताई कि शुक्रवार को होने वाली बैठक में समाधान निकल जाएगा। उल्लेखनीय है कि गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों- नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश- और प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों के बीच शुक्रवार दोपहर दो बजे नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में वार्ता प्रस्तावित है।
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सूत्रों ने बताया कि इस बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर संभवत: गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, "मुझे उम्मीद है कि शुक्रवार को होने वाली बैठक में किसी समाधान तक पहुंचा जा सकेगा। प्रदर्शन कर रही किसान यूनियनों ने पहली बैठक में उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की होती तो अभी तक तो हम गतिरोध को समाप्त कर चुके होते।"
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उन्होंने कहा कि पहली बैठक में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं की गई थी। केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताते हुए चौधरी ने कहा कि कानून बस शुरुआत है। उन्होंने कहा कि किसान संगठन इस कानूनों का विरोध 'आढ़तियों के प्रभाव' की वजह से कर रहे हैं। उन्होंने, "अगले चरण में कीटनाशक (प्रबंधन) विधेयक और बीज विधेयक आएगा। उस समय भी किसानों को भ्रमित किया जा सकता है।"
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जब पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार पंजाब के धार्मिक नेताओं को भी सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए प्रोत्साहित करेगी तो चौधरी ने कहा, "हम सभी का स्वागत करेंगे। हम समाधान चाहते हैं। अगर वे उस दिशा में बातचीत के लिए तैयार हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।"
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उल्लेखनीय है कि पंजाब के नानकसर गुरुद्वारे के प्रमुख एवं प्रतिष्ठित धार्मिक नेता बाबा लाखा ने बृहस्पतिवार को तोमर से मुलाकात की थी और केंद्र व प्रदर्शनकारी किसानों के बीच मध्यस्थता की इच्छा जताई थी। केंद्र और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच पहले हुई सात दौर की वार्ता बेनतीजा रही है, हालांकि 30 दिसंबर को हुई बैठक में सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों की बिजली पर सब्सिडी एवं पराली जलाने संबंधी मांग पर सहमति जताई थी।
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