नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन में है। दिल्ली पुलिस ने 35 से ज्यादा आरोपी किसान नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। दिल्ली पुलिस ने लुक आउट नोटिस इसलिए जारी किया है ताकि कोई भी आरोपी देश छोड़कर भाग न सके। इन सभी नेताओं के पासपोर्ट को जब्त किया जाएगा।
दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा
राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बृहस्पतिवार को भी दिल्ली से लगी सीमाओं पर पुलिस बल की भारी तैनाती है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लाल किले पर भी सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प व वाहनों में तोड़-फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को इस संबंध में 25 आपराधिक मामले दर्ज किए थे। इस हिंसा में 394 पुलिस कर्मी घायल हुए थे और पुलिस के 30 वाहन क्षतिग्रस्त भी हुए थे।
दिल्ली हिंसा के एक दिन बाद किसान अपना समर्थन खोते दिखे
ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के बाद हरियाणा में विरोध कर रहे किसान बुधवार को अपना समर्थन खोते दिखे। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में कम से कम 15 गांवों की एक पंचायत ने बुधवार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर डेरा डाले किसानों से 24 घंटे के भीतर सड़क खाली करने को कहा। पुलिस ने बताया कि तीन जनवरी से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर रेवाड़ी में मसानी बैराज कट के पास धरना दे रहे किसानों ने बुधवार शाम तक वह स्थान खाली कर दिया।
रेवाड़ी के पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, "प्रदर्शनकारियों ने मसानी कट विरोध स्थल को खाली कर दिया है और उनमें से कुछ टीकरी चले गए हैं, जबकि कुछ जय सिंहपुरा खेड़ा गांव (हरियाणा-राजस्थान सीमा पर राजस्थान में) गए हैं। कई अन्य लोग घर लौट गए हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले कई हफ्तों से राज्य में राजमार्गों पर कई टोल प्लाजा के पास घेराबंदी कर रहे किसानों ने शाम तक विरोध स्थलों को खाली कर दिया।
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