नई दिल्ली. राजस्थान के अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर से बड़ी खबर हैं। यहां किसान आंदोलन को लेकर टेंशन बढ़ गई है। 42 गांव के लोगों ने आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस वक्त दोनों आमने सामने हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि फौरन हाईवे को खाली किया जाए। इसके लिए आज शाहजहांपुर बॉर्डर पर फिर 42 गांवों की महापंचायत हुई है। अभी तनाव की स्थिति है। हर हालात से निपटने के लिए मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। आपको बता दें कि करीब दो महीने से ज्यादा का वक्त गुज़र चुका है कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को ठप कर रखा है।
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सिंघू बॉर्डर को हिंसा के बाद किले में तब्दील किया गया
दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर 'स्थानीय निवासियों' और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हिंसक झड़प के एक दिन बाद शनिवार को प्रदर्शन स्थल पर कई स्तरीय अवरोधक लगाकर इसे किले में तब्दील कर दिया गया। जीटी करनाल रोड स्थित प्रदर्शन स्थल पर बीते दिनों के मुकाबले प्रदर्शनकारियों की संख्या कम है। हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि पंजाब तथा हरियाणा से और लोग उनके आंदोलन में शामिल होने आ रहे हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कर्मी प्रदर्शन स्थल पर प्रवेश पर करीबी नजर रखे हुए हैं
मीडिया कर्मियों को भी वहां पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ''कल हुए हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर प्रदर्शन स्थल पर मुक्त आवाजाही नहीं होने देने का आदेश है क्योंकि किसी भी शरारत से हालात बिगड़ सकते हैं।''
सिंघू बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय निवासी होने का दावा करने वाले लोगों के एक बड़े समूह के बीच शुक्रवार को हिंसक झड़प हो गई थी। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा था और लाठियां भांजनी पड़ी थीं। सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल की ओर जानेवाले जीटी करनाल रोड पर पांच स्तरीय अवरोधक लगाकर इसे बंद कर दिया गया है और बड़ी संख्या में पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को तैनात किया गया है।
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