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Hindi News भारत राष्ट्रीय कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने की जरूरत, छोटे किसानों का सशक्तिकरण जरूरी- पीएम मोदी

कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने की जरूरत, छोटे किसानों का सशक्तिकरण जरूरी- पीएम मोदी

डेयरी सेक्टर का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम अपने डेयरी सेक्टर को ही देखें तो आज वह इतना मजबूत इसलिए है क्योंकि इतने दशकों में उसने प्रोसेसिंग का विस्तार किया है। आज हमें कृषि के हर सेक्टर में प्रोसेसिंग पर सबसे ज़्यादा ध्यान देना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले। 

kisan agriculture start up farmer technology narendra modi speech कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को प्र- India TV Hindi Image Source : PTI कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने की जरूरत, छोटे किसानों का सशक्तिकरण जरूरी- पीएम मोदी

नई दिल्ली. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं पर चर्चा की। उन्होंने एक वेबिनार में बोलते हुए कहा कि लगातार बढ़ते कृषि उत्पादन के बीच, 21वीं सदी में भारत को पोस्ट हार्वेस्ट क्रांति या फूड प्रोसेसिंग क्रांति और वैल्यू एडिशन की आवश्यकता है। देश के लिए बहुत अच्छा होता अगर ये काम दो-तीन दशक पहले ही कर लिया गया होता। कृषि क्षेत्र के शोध एवं विकास कार्यों में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने का समय आ गया है। हमें कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।

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डेयरी सेक्टर का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम अपने डेयरी सेक्टर को ही देखें तो आज वह इतना मजबूत इसलिए है क्योंकि इतने दशकों में उसने प्रोसेसिंग का विस्तार किया है। आज हमें कृषि के हर सेक्टर में प्रोसेसिंग पर सबसे ज़्यादा ध्यान देना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले। खेत से प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारनी ही होगी। आज ये समय की मांग है कि देश के किसान की उपज को बाज़ार में ज़्यादा से ज़्यादा विकल्प मिलें। सिर्फ उपज तक किसानों को सीमित रखने का नुकसान देश देख रहा है। हमें देश के कृषि क्षेत्र का प्रोसेस्ड फूड के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा।

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उन्होंने कहा कि हमारे यहां कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग लंबे समय से किसी न किसी रूप में की जा रही है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग सिर्फ एक व्यापार बनकर न रहे बल्कि उस जमीन के प्रति हम ​अपनी ज़िम्मेदारी को भी निभाएं। प्रधानमंत्री ने कहा, "मैने संसद में कहा था कि कैसे देश के छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए, छोटे किसानों की संख्या 12 करोड़ के करीब है और इनका सशक्तिकरण ही भारती कृषि को अनेक  परेशानियों से मुक्ति दिलाने में मदद करेगा और साथ में ग्रामीण इकोनॉमी का ड्राइविंग फोर्स भी बनेगा।" 

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज यह समय की मांग है कि देश के किसान की उपज को बाजार में ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले, सिर्फ कच्चे माल या उपज तक किसानों को सीमित रखने का नुकसान देश देख रहा है। हमें देश के एग्रीकल्चर सेक्टर का प्रोसेस फूड के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा। गांव के पास ही हमें एग्रो इंडस्ट्री कलस्टर की संख्या बढ़ानी होगी ताकि गांव के लोगों को गांव में ही खेती से जुड़े रोजगार मिल सके।

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उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के साथ हमें इस बात पर भी फोकस करना है कि छोटे से छोटे किसान को भी आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ कैसे मिल सके। छोटे किसान ट्रैक्टर या पराली की मशीनें अफोर्ड नहीं कर सकते। आज जब हवाई जहाज किराए पर दिए जा सकते हैं तो किसानों के लिए भी ऐसी व्यवस्था खड़ी की जा सकती है। किसान की उपज को मंडी तक पहुंचाने के लिए ट्रक एग्रीगेटर का इस्तेमाल कोरोना काल में किया गया जो अच्छा था। इसपर और काम करने की आवश्यकता है। 

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