ब्लैकमनी का शहंशाह हसन अली, स्विस तिजोरी में है 1 लाख करोड़ की दौलत
हसन अली खान का जन्म 1953 में हैदराबाद में हुआ। पिता एक्साइज अफसर थे। हसन की पढ़ाई-लिखाई हैदराबाद में ही हुई। 70 के दशक में अली के परिवार की आर्थिक हालत काफी खस्ता थी।
नई दिल्ली: भारत के सबसे बड़े टैक्स चोर, विदेशी बैंकों में कथित तौर पर काला धन रखने और हवाला का आरोपी पुणे के एक घुड़साल के मालिक हसन अली खान से सीबीआइ ने नए सिरे पूछताछ शुरू कर दी है। हसन अली पर हजारों करोड़ रुपये का कालाधन विदेशी बैंकों में जमा करने और जांच अधिकारियों को रिश्वत देकर इससे बच निकलने का आरोप है। इस मामले की जांच में सीबीआइ और ईडी दोनों जुटे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि इस शख्स ने 2001 से 2008 के बीच सिर्फ सात साल में एक लाख दस हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की काली कमाई जमा की।
कौन है हसन अली खान?
हसन अली खान का जन्म 1953 में हैदराबाद में हुआ। पिता एक्साइज अफसर थे। हसन की पढ़ाई-लिखाई हैदराबाद में ही हुई। 70 के दशक में अली के परिवार की आर्थिक हालत काफी खस्ता थी। तब उसने हैदराबाद में कार रेंटल एजेंसी शुरू की और साथ ही शुरू किया धोखाधड़ी और हवाला का कारोबार।
हसन ने अपना पहला विदेशी खाता यूबीएस की सिंगापुर ब्रांच में 1982 में खोला और उसमें 15 लाख डॉलर यानी करीब साढ़े सात करोड़ रुपए जमा कराए गए। कुछ वक्त बाद इस खाते में तीस करोड़ डॉलर यानी करीब 1500 करोड़ रुपए जमा कराए गए। आरोप है कि ये रकम हथियार तस्कर अदनान खगोशी के न्यूयॉर्क के खाते से जमा कराए गए थे।
हसन अली के इस खाते में पैसों का लेनदेन चलता रहा। 2006 में उसके इस खाते में 80 करोड़ डॉलर यानी करीब 4000 करोड़ रुपए जमा थे। हवाला का धंधा पर्दे की आड़ में छिपा रहे इसके लिए हसन अली ने कई धंधों में हाथ आजमाया। 90 के दशक के शुरुआती दौर में उसने प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू और साथ ही हैदराबाद में होने वाली घुड़दौड़ में किस्मत आजमान शुरू किया।
1999 तक हसन अली हैदराबाद में ही रहा। लेकिन पत्नी से तलाक होने के बाद उसने पुणे का रुख किया और यहीं से उसकी किस्मत बदलने लगी। उसने पुणे के रेस कोर्स में अपनी पहुंच बढ़ाई। अली ने यहां घोड़ों की ब्रीडिंग और रेसिंग का धंधा शुरू किया। जल्द ही पुणे रेसकोर्स में वो हैदराबाद का घोड़ावाला नाम से मशहूर हो गया। इसके बाद उसने पूरे देश में होने वाली घुड़दौड़ों में अपने घोड़े भेजने शुरू कर दिए। पुलिस का कहना है कि हसन अली के घोड़े स्विट्जरलैंड और लंदन में होने वाली घुड़दौड़ में भी शामिल हो चुके हैं।
महाराष्ट्र के तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं शामिल
जीआरपी के डीसीपी अशोक देशभरतार जब मुंबई में आतंकी हमले के बाद आतंकी फण्डिंग की जांच कर रहे थे तो हसन अली के फर्जी पासपोर्ट का मामला सामने आया। हसन अली की गिरफ्तारी के बाद उसके पूछताछ की खुफिया कैमरे से विडियो रिकार्डिंग की गयी। इस पूछताछ के जरिए कई सफेदपोश नेताओं के चेहरे से नकाब उतर गया। डीसीपी अशोक देशभरतार को भले ही निलंबित कर दिया गया पर इस पूछताछ की वीडियो सीडी मीडिया तक पहुंच गई। इस विडियो रिकार्डिंग में हसन अली ने अदनान खशोगी से अपने संबंधों को स्वीकारा था। पूछताछ में हसन अली ने खुलासा किया कि उसके अकाउंट में जमा हजारों करोड़ रुपए में से एक बड़ा हिस्सा देश के कई बड़े नेताओं और नौकरशाहों का है। इन बड़े नेताओं में महाराष्ट्र के तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। ईडी ने इन मुख्यमंत्रियों और नेताओं के नाम का खुलासा नहीं किया।