खिचड़ी को राष्ट्रीय व्यंजन का दर्जा देने की तैयारी, बिदकी 'बिरयानी'
एक चम्मच देसी घी के साथ गर्मागर्म खिचड़ी का स्वाद क्या होता है ये तो खिचड़ी के दीवाने ही जानते हैं लेकिन अब जल्दी ही पूरी दुनिया इस स्वाद का लुत्फ उठाने वाली है। दिल्ली में 3 से 5 नवंबर तक वर्ल्ड फू़ड डे पर प्रोग्राम्स आयोजित किए जा रहे हैं जिसका उद्
नई दिल्ली: ये खबर खबर आपके लिए है जिसका ताल्लुक आपके किचन से है, आपके स्वाद से है। जी हां, हम बात कर रहे हैं आपके किचन में कभी-कभार बनने वाली खिचड़ी की क्योंकि ये जल्दी ही देश की पहचान बनने वाली है। केंद्र की मोदी सरकार आम आदमी के इस डिश को दुनिया भर में मशहूर करने वाली है लेकिन इस पहल से पहले ही इस पर विवाद खड़ा हो गया है। कुछ लोगों ने सवाल उठा दिया है कि खिचडी़ ही क्यों, बिरयानी को क्यों नहीं इस तरह लोकप्रिय किया जाता।
खिचड़ी जल्दी ही देश की शान बनने वाली है, देश की पहचान बनने वाली है लेकिन खिचड़ी की इस तरक्की को देखकर बिरयानी नाराज हो गई। बिरयानी आपत्ति जता रही है कि खिचड़ी की ताजपोशी क्यों। बिरयानी की क्यों नहीं। उसने ऐसी क्या खता कर दी। उसे भी तो लोग खूब पसंद करते हैं, उसे भी तो लोग खूब चाव से खाते हैं। जी हां, अभी खिचड़ी की ब्रांड के तौर पर ताजपोशी हुई भी नहीं है कि देश में इस पर बहस छिड़ गई है कि खिचड़ी को ब्रांड क्यों बनाया जा रहा है, बिरयानी को क्यों नहीं।
दरअसल, ये विवाद तब सामने आया जब मोदी सरकार ने खिचड़ी को एक ब्रांड के तौर पर दुनिया के सामने पेश करने का फैसला किया। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने 'खिचड़ी' को दुनिया के सामने इंडियन फूड के रूप में पेश करने का आइडिया दिया था जिसे मंजूर कर लिया गया है। अब वर्ल्ड फूड डे के मौके पर आम आदमी की डिश खिचड़ी की भारत के स्पेशल डिश के तौर पर ताजपोशी की जाएगी।
एक चम्मच देसी घी के साथ गर्मागर्म खिचड़ी का स्वाद क्या होता है ये तो खिचड़ी के दीवाने ही जानते हैं लेकिन अब जल्दी ही पूरी दुनिया इस स्वाद का लुत्फ उठाने वाली है। दिल्ली में 3 से 5 नवंबर तक वर्ल्ड फू़ड डे पर प्रोग्राम्स आयोजित किए जा रहे हैं जिसका उद्घाटन उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे। कार्यक्रम में 800 किलो 'खिचड़ी' बनाई जाएगी जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की भी तैयारी है। वर्ल्ड फू़ड डे पर ये खिचड़ी देश के कोने-कोने से लाए गए ज्वार, बाजरा और दाल से बनाई जाएगी।
खास बात ये है कि ये खिचड़ी जाने-माने शेफ संजीव कपूर तैयार करेंगे। इस खिचड़ी को दुनिया भर से आए प्रतिनिधियों के साथ-साथ गरीब बच्चों में बांटा जाएगा। ज्यादातर लोग खिचड़ी को बीमारों का खाना मानते हैं, लेकिन ये एक ऐसा पकवान है जिसे खाने के सिर्फ और सिर्फ फायदे ही हैं। मोरक्को के मशहूर यात्री इब्ने बतूता से लेकर मुगल बादशाह अकबर तक को खिचड़ी का जायका खूब भाया है। प्रधानमंत्री मोदी का भी ये पसंदीदा पकवान है।
कई लोग खिचड़ी को हिंदू और बिरयानी को मुस्लिम पकवान मानते हैं लेकिन सच तो ये है कि पकवान की न कोई जाति होती और ना ही धर्म। जो भी इन पकवानों को खाता है वो उनका पेट ही भरता है। इसलिए खाने की चीजों को जात-पात या धर्म में नहीं बांटना चाहिए।