नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों का विरोध करने राजधानी दिल्ली आए किसानों की आड़ में कुछ निहित स्वार्थी तत्व देशविरोधी एजेंडा चला रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसान आंदोलन का सहारा लेकर कुछ लोग न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बल्कि देश और समाज के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। पंजाब के किसानों के नाम पर कुछ लोग ‘खालिस्तान’ की भी बात कर रहे हैं। ये लोग अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे मुल्कों में भी भारत की छवि खराब करने की साजिश कर रहे हैं, और खालिस्तानी प्रॉपेगेंडा चला रहे हैं।
अमेरिका में खालिस्तान के लिए नारेबाजी
अमेरिका के न्यूयॉर्क में तो हाल ऐसा है कि यहां खालिस्तान का सपोर्ट करने वाले लोग इंडियन एंबैसी के सामने किसान आंदोलन का नाम लेकर..खालिस्तान के लिए नारेबाजी कर रहे थे। इस वक्त सोशल मीडिया पर ऐसे कई विज्ञापन दिख रहे हैं जिसमें लोगों से किसान आंदोलन के बहाने खालिस्तानी आंदोलन में शामिल होने की बात की जा रही है। एक बार फिर रेफरेंडम जैसी बातें सुनने को मिल रही हैं, और इसमें सबसे आगे है गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम। यह वही शख्स है जो अमेरिका में बैठकर ‘सिख फॉर जस्टिस’ के नाम पर खालिस्तान की बात करता है।
पन्नू ने सितंबर में जारी किया था वीडियो
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सितंबर में ही एक वीडियो जारी कर दिया था जिसमें वह कह रहा था कि किसानों के लिए एक लाख डॉलर का इंतजाम हो गया है। उसने कहा कि ये पैसा उन लोगों को मिलेगा, जिन्हें कोई नुकसान हुआ। अब सितंबर के इस वीडियो को किसान आंदोलन के नाम पर आज एक बार फिर सोशल मीडिया पर फ्लोट किया गया है। वीडियो में वह कह रहा है, ‘किसान भाईयों के लिए एक मिलियन डॉलर का ऐलान किया गया है। ये उन भाईयों के मिलेगा जिन्हें दिल्ली पहुंचने तक कोई नुकसान हुआ या उनके ट्रैक्टर और ट्रॉली का कोई नुकसान हुआ। जो आपका नुकसान हुआ है हम उसे उसी वक्त पूरा करेंगे।’
विदेशी मीडिया में भी चल रहा है प्रॉपेगेंडा
सोशल मीडिया पर फैल रही बातों का असर दूसरे देशों की मीडिया में भी देखने को मिल रहा है। कनाडा से लेकर अमेरिका तक किसान आंदोलन के नाम पर विदेशी मीडिया में प्रोपेगैंडा हो रहा है। अल जजीरा, सीएनएन, न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉशिंगटन पोस्ट पोस्ट समेत तमाम अखबार इसे मुद्दा बना रहे हैं।
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