केरल में कोरोना वायरस के 21,427 नए मामले सामने आए, 179 और मरीजों की मौत
खाड़ी देश में पेशे से एक वेल्डर ने दावा किया है कि कोवैक्सीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है और इसलिए उसे विदेश यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
तिरुवनंतपुरम: केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 179 और लोगों की मौत हो गई तथा महामारी के 21,427 नए मामले सामने आए। नए मामलों के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 37,25,005 हो गए तथा मृतकों की संख्या 19,049 पर पहुंच गई। राज्य सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि एक दिन में 18,731 लोग ठीक हो गए। केरल में अब तक कुल 35,48,196 लोग ठीक हो चुके हैं और अभी 1,77,683 मरीज उपचाराधीन हैं। पिछले 24 घंटे में 1,38,225 नमूनों की कोविड-19 जांच की गई और संक्रमण की दर 15.5 प्रतिशत दर्ज की गई।
इसी बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। विजयन ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब राज्य में छुट्टी के दिन भी कोरोना वैक्सीनेशन का काम जारी रहेगा। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और दो से ज्यादा बिमारी वाले लोगों को प्राथमिकता देते हुए कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की बात कही है।
वहीं, केंद्र ने केरल हाईकोर्ट को सूचित किया कि पहले ही वैक्सीन की दो खुराक ले चुके लोगों को तीसरी खुराक नहीं दी जा सकती है। केंद्र ने न्यायमूर्ति मुरली पुरुषोत्तमन के समक्ष उस याचिका पर हलफनामा दाखिल किया, जिसमें एक ऐसे व्यक्ति द्वारा वैक्सीन की तीसरी खुराक दिये जाने का अनुरोध किया गया है, जिसने कोवैक्सीन की दोनों खुराक ले ली है, लेकिन काम के लिए सऊदी अरब वापस जाने के लिए वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त वैक्सीन की तीसरी खुराक चाहता है।
खाड़ी देश में पेशे से एक वेल्डर ने दावा किया है कि कोवैक्सीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है और इसलिए उसे विदेश यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जिसके परिणामस्वरूप उसकी आजीविका प्रभावित होगी। हलफनामे में केंद्र ने कहा कि दिशानिर्देश तीसरी खुराक की अनुमति नहीं देते हैं। अदालत ने 10 अगस्त को केंद्र और राज्य सरकारों से पूछा था कि याचिकाकर्ता को तीसरी खुराक क्यों नहीं दी जा सकती क्योंकि यह उसकी आजीविका का सवाल है।
दोनों सरकारों के वकील ने पहले अदालत को सूचित किया था कि उन्हें इस मुद्दे पर निर्देश लेने की जरूरत है क्योंकि वैक्सीन की तीसरी खुराक देना अभी तक चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत नहीं है। याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा था कि वह तीसरी खुराक लेने का जोखिम उठाने को तैयार है, जिसके खतरों का अभी पता नहीं चला है। अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता को अपनी वीजा शर्तों के अनुसार 30 अगस्त से पहले सऊदी अरब लौटना होगा और यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।
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